स्कूल का वह दिन

स्कूल की यादें

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udit jain
udit jain 04 Jun, 2020 | 1 min read
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चले तो थे,माँ पापा का हाथ पकड़कर,

पर वह दोस्त भी बड़े हसीन थे।।


वो 2 किलोमीटर पैदल चलना मानो,

कुछ मिनटो का नही जन्मो का सफर था।।


क्लास मे की गई मस्ती जैसे ,

अपनो को करीब ला देती थी,

दुशमन जब हाथ लगाये,

तब उसकी शामत आ जाती थी।


सर और मैडम के नये-नये नाम रखना,

कभी उसका तो कभी उसका टिफिन खाना,

क्लास मे शोर मचा कर टीचर को परेशान करना,

अलग-अलग आवाज निकलकर दूसरो का नाम लगाना।।


क्लास मे टीचर ना होने पर घर को चले जाना,

पढाई के लिए सबके घर पर चले जाना ,

दोस्त के नम्बर ज्यादा आने पर उसके साथ छेड़छाड़ करना ,

पार्टी करने के नये नये बहाने ढूँढ़ना।।


बहुत याद आते है आज ये स्कूल वाले दिन।।

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udit jain

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