रात की चांदनी मे ख़्वाबो को संजोता रहा,
अपनो की भाग दौड़ मे एक बाप रोता रहा।।
सपने बुनता वह बच्चो के भविष्य को,
खुद पैदल चलकर मकान को बनाता रहा।।
बदल दिये उसने भविष्य अपने बच्चे के,
अपनी गरीबी के दिनो को रोकर धोता रहा।।
अपनो के तानो को बड़े संयम से सुनता रहा,
कभी मजबूर रहा तो कभी अपने को समझाता रहा।।
बाप और बेटे का रिश्ता जग मे महान है,
सारी उम्र बच्चो को कांटो से बचाता रहा।।
-उदित जैन
@imuditjain
@_uduaash_ink_
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