दिन चलता रहा उनके ख़्वाबो और ख़्यालो मे,
दीमाग कहता न सोच तू इतना यादों मे।।
दिल कहता वह आयेगी सब छोड़ पास मे,
साथी कहते वह चली गई ससुराल मे।।
मुश्किल हालात होंगे जो यह सोचा उसने,
अगर बता देते तो बातें तो दो-चार करते परिवार मे।।
प्यार का वास्ता दें हर कठिन समय मे साथ निभाया,
आज तोड़ दी कसमे और जीते जी शमशान पहुँचाया।।
इंतजार करा जिसने धूप मे खड़े हो जिसका,
आज छांव भी न बन पाने का फैसला सुनाया।।
शक्ल से नही व्यवहार से जिसने उसके प्यार किया,
छोड़ चली आज उसे जिसने जीवन भर साथ निभाया।।
कोई नही था उसके सिवा जीवन मे जिसके,
उसने परिवार की खातिर अपने प्यार को आज भूलाया।।
-उदित जैन
@imuditjain
@_uduaash_ink_
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बढ़िया लेखन
thank you ji
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