आंखो मे आंसू है,
कैसे दर्श पाऊँ तेरे,
दर्शन को तेरे तड़प रहा हूँ,
कैसे तुझे भुलाऊँ मै।।
पास आने को संकट बहुत है,
कैसे कदम बढाऊँ मै,
मेरी शक्ति तुझसे ही है,
कैसे तुझे बताऊँ मै।।
देखकर आपको लगता है,
कह रहे जैसे घबराते क्यो हो,
साथ तेरे मै हमेशा हूँ,
फिर क्यो तू मन डगमगाता है।।
तेरे दर्शन को मन मचल रहा,
कैसे मन समझाऊँ मै,
तेरे बिन नही कोई खिवैया,
तेरा ही साथ बस चाहू मै।।
बनकर मेरे माँ बाप तुने,
हर मुश्किल से मुझे बचाया है,
संकट के समय मे तेरे नाम से ही,
हर बाधा को मैने दूर भगाया है।।
तेरे सिवा जग मे कोई नही मेरा,
पेड़ की छांव जैसा तू,
हर सुबह हर शाम मेरे साथ है,
उदित दास कहे गुरू से,
विघा सागर गुरू तू हमारा है।।
-उदित जैन
@imuditjain
@_uduaash_ink_
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
🙏sunder shabad
शुक्रिया जी 🙏🙏🙏
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