मन समर्पित तन समर्पित,
है ये जीवन तुमको समर्पित,
ख़्वाहिश है बहुत कुछ दूँ,
माँ बता कुछ और भी दूँ।।
प्राण समर्पित प्रधान समर्पित,
लहू की हर बूंद समर्पित ,
जीर्णता का हर दिन समर्पित,
माँ बता कुछ और भी दूँ।।
शिक्षा की हर विजय समर्पित,
निष्पादन की हर करतल समर्पित,
ललाट पर बस हाथ रहे,
माँ बता कुछ और भी दूँ।।
देहात मेरा,नगर मेरा,माँ मेरी
साथ तेरा,बुढापा तेरा,माँ मेरी,
मै जीता मेरे लिए पर वो सांस तेरी,
माँ बता कुछ और भी दूँ।।
-उदित जैन
(दिल्ली)
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भावपूर्ण सृजन
शुक्रिया भाई 🙏🙏
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