कविता-आओ जरा कुछ सीखे

कुछ पल दोस्तो को भी दें।।

Originally published in hi
❤️ 1
💬 0
👁 675
udit jain
udit jain 02 Jun, 2020 | 1 min read
relationship life friends

आओ थोड़ा हम हँसना सीखे,

दूर ग़मो को करना सीखे।


खाली खाली सी हो गई ज़िंदगी,

दोस्तो को अब खुशियाँ देना सीखे।


आज नहीं है कुछ समझ किसी को,

दोस्त की पीड़ा को अब हरना सीखे।


दौड़ रही है यह दुनिया सारी,

दोस्तो को संग भी रखना सीखे।


हर पल दुख आता हैं जीवन में,

दोस्त को भी कुछ कहना सीखे।


दोस्त पर भी अपना हक है,

ये अभिमान से हम कहना सीखे।


जीने के अब अंदाज़ बदल कर,

प्यार के रसो को सब मे भरना सीखे।


सच्चे दोस्त है सबके मम्मी पापा,

उनकी खुशियों को दिल से भरना सीखे।


छोटा बड़ा नही है कोई यहां पर,

दोस्त के लिए बस समर्पण सीखे।


उत्साहित होता है जिसे देखकर मन,

मित्र हम "कृष्ण" सा बनना सीखे।


आओ थोड़ा सा हम हंसना सीखे,

दूर ग़मो को रखना सीखे।।



1 likes

Support udit jain

Please login to support the author.

Published By

udit jain

_uduaash_ink_

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.