आओ थोड़ा हम हँसना सीखे,
दूर ग़मो को करना सीखे।
खाली खाली सी हो गई ज़िंदगी,
दोस्तो को अब खुशियाँ देना सीखे।
आज नहीं है कुछ समझ किसी को,
दोस्त की पीड़ा को अब हरना सीखे।
दौड़ रही है यह दुनिया सारी,
दोस्तो को संग भी रखना सीखे।
हर पल दुख आता हैं जीवन में,
दोस्त को भी कुछ कहना सीखे।
दोस्त पर भी अपना हक है,
ये अभिमान से हम कहना सीखे।
जीने के अब अंदाज़ बदल कर,
प्यार के रसो को सब मे भरना सीखे।
सच्चे दोस्त है सबके मम्मी पापा,
उनकी खुशियों को दिल से भरना सीखे।
छोटा बड़ा नही है कोई यहां पर,
दोस्त के लिए बस समर्पण सीखे।
उत्साहित होता है जिसे देखकर मन,
मित्र हम "कृष्ण" सा बनना सीखे।
आओ थोड़ा सा हम हंसना सीखे,
दूर ग़मो को रखना सीखे।।
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