बिखरे दिल को कैसे हम आज समझाएंगे,
अपने सपनो को कैसे ख़्वाबो मे सजाएंगे।।
रखता रहा मै उसे अपनी सांसो से दूर,
जिसने मुझे भुलाया उसे कैसे भुलाएंगे।।
उसके बिना जीवन अधूरा सा लगने लगे,
कैसे हम अपने अांसूओ को रोक पाएंगे।।
जीवन की कामयाबी अब मुझे झूठ लगे,
अब वो ही नही तो कैसे यह सब अपनाएंगे।।
मिला न साथ उम्र भर उसका मुझे,
कैसे अपने जीवन के पल हम बीताएंगे।।
जीवन की भाग दौड़ से थक गये,
अब ये लौटकर उदित वापस न आएंगे।।
-उदित जैन
@imuditjain
@_uduaash_ink_
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