बूंदो से भरती धरती है,
सावन मे हुआ करती है,
पन्नी छाते खोल है देती,
जब जब है बरसात है आती।।
आकाश अलग-अलग रंग दिखाये,
पक्षी चहके और महकाये,
परिवार संग सब पकौड़े खाये,
जब जब है बरसात है आती।।
प्रेमी मन मे खुशियों मनाये,
खेतों मे फसलें झूमे गये,
सब जीवो की प्यास बुझाये,
जब जब है बरसात है आती।।
यह सबकी खुशियों की चाबी है,
अंगन मे जब मोर नाचते है,
गर्मी का यह दूर भगाते,
जब जब है बरसात है आती।।
-उदित जैन
@_uduaash_ink_
@imuditjain
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
👌👌💐💐
Nice
Nice
Thank u guys
प्यारी सी कविता
Very nice
Thank you dosto
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