udit jain
udit jain 14 Sep, 2020
हायकू
संसारी जीव, भोगे सुख दुख जो, कल्पना मात्र।।

Paperwiff

by _uduaash_ink_

14 Sep, 2020

जीवन मे सुख दुख कर्मो के भोग है अपने कर्मो को सुधार मोक्ष मार्ग पर अग्रहसर होना ही मनुष्य का धर्म है ।

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