एक बार एक यूनिट उत्तरांचल मैं पोस्टेड थी,
एक दिन सारे ऑफिसर्स खाने के वक़्त एक साथ बैठे, तो काफी देर तक बात- चित चलती रही, बातें होते होते रात के 1 बज गए।
तो मेस के बावर्ची ने पूछा सर जी खाना सर्व करदू? उनमें से एक ऑफिसर ने कहा
नहीं अभी रुको हमारी मीटिंग चल रही है।
फिर देखते देखते 2 बज गए। बावर्ची फिर आया और पूछा सर जी खाना सर्व करदू
ऑफिसर बोलते है, नहीं नहीं अभी आधा घंटा और लगेगा
उसके बाद सर्व कर देना,
और उस वक़्त 2:00 बज गए थे, कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था
और वैसे भी उत्तरांचल के जंगलों में काफी घनी रात होती है
कुछ भी नहीं दिखाई देता, बस उनकी मेस की लाइट दिख रही थी।
2:30 बजे तक खाना कंप्लीट किया और ऑफिसर चले गए,
उसके बाद बावर्ची का काम बचता है, सारे खाने के बर्तन साफ करना उसमे भी जादातर नॉनवेज खाना सर्व किया गया था, तो वो सारे खाने की सफाई कर रहा था
और बाहर से कुत्तों के भौंकने की आवाजे आ रही थी।
तो बावर्ची अपने सामान को लेकर बाहर गया और सफाई करना चालू किया
तो उसके हाथ मैं एक बड़ा सा चिमचा था जिससे खाना बनाते है,
जहां ऑफिसर्स खाना खा रहे थे, वहां सफाई कर रहा था काफी खाना पड़ा हुआ था, कुत्ते भौंक रहे थे वो उनको बचा हुआ खाना फैंक फैंक कर दे रहा था उनमें से एक कुत्ता उसके हाथ से छीन रहा था,
वो जब भी फैंके वो कुत्ता उसके हथ से छीन लेता
बावर्ची को गुस्सा आया जब वो कुत्ता द्वारा फिर से लपका उसने उसी चिमचे से उसे जोर से दो बार मारा तो वो कुत्ता वापस नहीं आया।
शुभा हुई शुभा की पहली किरण देखी तो काफी लोग आश्चर्यचकित हुए,
की वो कोई कुत्ता नहीं एक बहुत बड़ा तेंदुआ था,
और वो कुत्तों से 4 गुना बड़ा था।
मतलब उस बावर्ची ने रात को जिसे मारा था, वो कोई कुत्ता नहीं था बल्कि तेंदुआ था।
उस कंपनी का उस यूनिट का जो टैग लाइन है वो सुनिए....
जब हमारा बावर्ची एक चीमचे से तेंदुए को मार सकता है
फिर हमारे सैनिक क्या करेंगे!!!
चाइना वालों को शायद यह मालूम नहीं है
की इन चीनियों को तो हम पानी मैं घोल कर पी जाते है इनकी औखाद क्या है।
हम अपने इन बीस वीर जवानों को जो सहिद हुए है,
उनको तहे दिल से सत नमन करते है 🙏🏻
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