Suraj
27 Jun, 2020
Gumshuda
शाम भी कोई जैसे है नदी लहर लहर जैसे बह रही है
कोई अनकही कोई अनसुनी बात धीमे धीमे कह रही है
कहीं ना कहीं जागी हुई है कोई आरजू
कहीं ना कहीं खोये हुए से है मैं और तू
Paperwiff
by 28philanthropist
27 Jun, 2020
#covid19 #lockdown #somanypeoples #gumshuda @ #paperwiff
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