हरश्रृंगार

यह कविता बताती है प्रेम के बारे में जो प्रेमिका से उसके प्रेमी को है , वो अपनी प्रेमिका के लिए हरश्रृंगार के पुष्पों के गहने बनाता है जो कि रात्रि में खिलते है और सुबह होते ही झड़ जाते है। उसने बड़ी नज़ाकत से उन्हें पिरोकर अपनी तितली जैसी प्रेमिका को पहनाया है

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Dr Jyoti agrawal
Dr Jyoti agrawal 20 Nov, 2025 | 1 min read
Flower Self love Emotion

वो फूलों वाले शहर के बाग से, 

एक चेहरा मिलता उस राग से,

सूरज की धीमी तीखी रोशनी ,

उसका चेहरा चमकता आग से,


वो तितली बन लहराती रही,

उसकी आँखें खुली आवाज से,

वो ले आती है  हजारों खत भी,

एक उपहार मिला हारसिंगार से,


मोगरे के फूल की खुशबू भी,

फीकी उस सफेद संतरी रंग से

उसका तो चेहरा दमकने लगा,

उसके प्रेमी के इस प्रयास से।



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