✍ इंसान को कभी भी यह नहीं सोचना चहिये की हम जो करते है वही सही है या हमारे सोचने या करने से ही सबकुछ होरहा है या आगे बढ़ रहा है उसे कभी भी अपने भीतर ये अहम् नहीं होना चाहिए की वो है तभी ये सब हो रहा है क्यों की यहाँ हर एक इन्सान अपने अपने तरीके से अपनी तर्क ~ कार्य शक्ति के हिसाब से जीवन में अपना योगदान देते रहते है और आगे बढ़ते रहते है तभी तो कहते है की इंसान कभी भी अपने आप पर गुमान या अभिमान नहीं करना चाहिए और हमेशा हमेशा सचे दिल से हसते मुस्कुराते हुए अपना कर्म करते रहना चहिये , खुश रहना और खुशिया बाँटते हुए ज़िन्दगी में आगे बढ़ते रहना चाहिए !
कर्म करते रहना चाहिए
जीवन में सभी का योगदान है !
Originally published in hi
Tejeshwar Pandey
01 Apr, 2020 | 0 mins read
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