भोली है तू

नई नई शादी की खूबसूरत शैतानी जो अनायास ही चेहरे पर मुस्कान ले आती है

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Sushma Tiwari
Sushma Tiwari 31 May, 2020 | 1 min read

हाय दुनिया भर में स्मार्ट बनी फिरती थी ये पति देव हर बार बाजी मार लेते हैं। एक भी मौका नहीं छोड़ते बुद्धू बनाने का और फिर सारे मिल कर हँसते है मुझ पर। जिस दिन मौका मिला ना नहले पर दहला मारूंगी। बड़बड़ाती हुई मीरा अपनी नई नवेली रसोई पर अपना सारा खीझ निकाल रही थी। हुआ कुछ यूं था कि रवि के छोटे भाई यानी देवर जी की नई नई सिम कार्ड की दुकान खुली थी और उन्होंने एक नए नंबर से कॉल कर आवाज बदल खूब मजे लिए थे। बाद में घर आकर सब चिढ़ा चिढ़ा कर खूब हँसे थे। अब 2006 में स्मार्ट फोन इतने स्मार्ट नहीं थे और मीरा के पास तो चोगे वाला फोन था जिसमें स्मार्ट के नाम पर कॉलर आईडी की सुविधा थी। मीरा ने ठान लिया था कि अब तो बिल्कुल बेवक़ूफ़ ना बनेगी।

खाना बना कर सासु माँ को दोपहर का खाना खिला बिस्तर पर पड़ी ही थी कि फोन बजने लगा। फोन की कॉलर आईडी पर अनजान नंबर देख कर उसका माथा ठनका " अच्छा बच्चू.. बताती हूं आज, दिखाती हूं मैंने भी कॉलेज में ड्रामा क्लास अटेंड किया है"


" हैलो! कौन?" मीरा ने पूछा 

" जी रवि है?" उधर से आवाज आई

ओह आवाज तो रवि की ही लग रही है!

" अब आप खुद फोन करके खुद का पता पूछेंगे क्या?" मीरा ने ताना मारा। 

" जी? जी मैं समझा नहीं.. मैं उसका दोस्त पवन बोल रहा हूं "

" अच्छा! उनके दोस्त बोल रहे हैं तो उनके मोबाइल पर कॉल करते ना.. अच्छा बहुत हुआ मैं पहचान चुकी हूं, अब ज्यादा परेशान किया ना तो सारा बदला रात को घर पर लूँगी "


" उफ्फ! सिर्फ इतना बता दीजिए, रवि कब आएगा? "

" तुम घर आओ मैं तुम्हारी खबर लेती हूं, सारे सिम खुद ही इस्तेमाल कर लेना ठीक है.. बहुत हुआ " कहकर मीरा ने फोन पटक दिया। 


ज्यादा तो नहीं बोल दिया? बिचारे मज़ाक ही तो कर रहे थे। जाने दो आएंगे तो मना ही लूँगी। 


रात को रवि घर आया तो मीरा ने देखा उसका चेहरा उतरा था। मीरा को लगा हो ना हो उसके चिल्लाने की वजह से खफा होगा। 

" लो पानी पी लो, अब गुस्सा करके क्या मतलब, गुस्सा मुझे आना चाहिए " मीरा ने कहा


" तुम्हें क्यूँ भला?" 

"क्यूँकी आज मैंने एक पवन नाम के लड़के को फ्लर्ट करने पर खूब झाड़ लगाई ना" 

"पवन का फोन आया था? और वो तुमसे फ्लर्ट कर रहा था? विश्वास नहीं!" रवि खुला हुआ मुँह लेकर बैठ गया। 

" क्या मतलब विश्वास नहीं.. मिस्टर वो तुम्हीं थे मैं पहचान गई थी समझे इसलिए तुम्हें इतना डाँटा.. अब बनो मत " मीरा ने सर ऊंचा कर के कहा। 

" मेरी अम्मा, आज एक जरूरी मीटिंग थी और मेरा मोबाइल तो सुबह खराब था तो रीपेयर को दिया है यार। मतलब तुमने पवन को मैं समझ कर सुना दिया। "

इतना कहकर सब जोर जोर से हँसने लगे। हाय बिचारा पवन! बड़ा उछल रहा था शादी करूंगा अब मैं भी, करे अब.. हा हा हा, पता चलेगा पत्नियाँ कितनी खतरनाक होती है। 

 हाय मैं तो फिर बुद्धू बन गई। ये वार तो उल्टा पड़ गया मुझ पर ही। सोच सोच के मीरा फिर किचन के बर्तनों से बतियाने लगी। चलो फिर मौका मिलेगा ना तो बता दूंगी की मैं बुद्धू नहीं हूं ।


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