भुलक्कड़ नहीं है वो!
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दरवाजे की घंटी बजाते ही
वो दौड़ कर आती है,
उसके दौड़ने का अंदाजा मुझे
उसकी पायल की आवाज दिलाती है
कद में वो मुझसे छोटी है तो
नज़रे पहले उसके सर पर जाती है
हाँ केशों में झाँकती सफ़ेदी बता रही,
वो केश रंगना शायद भूल गई
टोकने पर फिर शाम को ही
चमचमाते विज्ञापन की तरह
लहराते काले केश दिखलाती है
मैं जानता हूं...सिर्फ मेरे लिए।
मेरे पेट से उठती भूखी आवाज
वो जाने कैसे सुन लेती है?
छप्पन भोग से थाली सजा
रोज मेरे सामने ले आती है,
फ़िर उसके हाथों पर नज़र जब जाती है
छिटका था तेल शायद उन हाथो पर
चाव से पूरियां जो बनाती है
ताजा जले का निशान बता रहा है
वो उस पर बर्फ लगाना भी भूल गई
टोकने पर फिर झट से जाकर
दवाई लगा कर मुस्कराते हुए आती है
मैं जानता हूं... सिर्फ मेरे लिए।
बिखरी पड़ी रहती है दिन भर
और घर का कोना कोना सजाती है
पसीने से खुद तरबतर होकर भी
सारा घर खुशबु से महकाती है
जब बाहों में भरने के लिए मै
थोड़ा करीब उसके जाता हूँ
मुझे सांसे रोकते देख ही वो
पल भर में समझ सब जाती है
हाँ खुद को संवारना तो भूल गई
फ़िर नख से शिख तक श्रृंगार करके
इठलाते हुए मेरे पास वो आती है.
मैं जानता हूं.. सिर्फ मेरे लिए।
मैं जानता हूं सिर्फ मेरे लिए..
मेरा दिल रखने के लिए
ना जाने कई बार वो खुद को
रोज ही बदलते जाती है
काश कि उसे बतला पाऊँ की
तुम मत बदलो और अब खुद को
क्या होगा जो किसी दिन अगर तुम
खुद को ही पहचानना भूल गई?
मैंने कभी बदलना चाहा ना तुमको
पर शायद मेरी उम्मीदों को पढ़ कर
तुम रोज बदलते जाती हो
जानता हूं.. सिर्फ मेरे लिए
कसूरवार हूं तुम्हारा
अब बस रुक जाओ
मत दौड़ती आओ,
ना ही छप्पन भोग बनाओ
बिखरे रहने दो घर को
बस खुद ना बिखर जाओ
मेरी जिन्दगी तुम से ही है
मेरी हर खुशी तुमसे ही है
मान जाओ ना ये भी बिन कहे
सुनो ना.. सिर्फ अपने लिए।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बेहतरीन सृजन दी👌👌
Diduu....aapne kya likha h..?? Wowwwww.............. It's also one of mah fvrt ....❣️❣️❣️
@kumar Sandeep thank you भाई
@अखिलेश thank you so much भाई 😊
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