हे प्रभु मैं आपकी वंदना करती हूं| क्योंकि हे ईश्वर! एकमात्र आप ही स्तुति योग्य हैं| आप अपने चरणों में मेरा नमस्कार स्वीकार करें| मेरे मन में जो आपकी छवि है, मैं उसे कैसे वर्णित करूं? उस छवि की कांति से ही मेरा जीवन उज्जवलित है| बरसात के मेघ सा सांवला आपका शरीर जिस पर सुनहरा पीतांबर शोभित है, गले में पुष्पमाला, कानों में कुंडल और सिर पर मोर मुकुट है| और आपकी मुख की कांति! उसका तो क्या कहना है। परमात्मा आप हर रूप में एक ही है| हम भक्त आपके अलग-अलग स्वरूपों की भक्ति करते हैं| आपका यह श्री विग्रह हम भक्तों की लालसा पूरी करने वाला है| मैं आपको स्मरण करती हूं और आप की छवि को मन में पाती हूं यही मुझ पर आपका साक्षात कृपा प्रसाद है|
आप तो इतने दयालु है प्रभु कि हम अज्ञानी को भी खुद से जोड़े हुए हैं| वो भी जिसने कभी ज्ञान अर्जित करने का प्रयत्न ही ना किया सिर्फ आप की लीला रूपी अमृत का पान किया हुआ है| अब आप ही बताएं प्रभु! यदि मैं आपको छोड़कर, आपके भक्ति सानिध्य को छोड़कर ज्ञान प्राप्ति के लिए भटकूं तो दुख ही पाऊंगी, क्लेश ही पाऊंगी ठीक वैसे ही जैसे भूसे की कितनी ही कुटाई कर लो भूसा ही निकलेगा चावल नहीं| हे अच्युत! हे अनंत! मैं कोई योगी नहीं जो आपके ब्रह्म स्वरूप को जान सकूं मैं तो बस भक्त बनकर आपके लीला स्वरूप से आनंदित होना चाहती हूं| आपको जानना हमारे बस में नहीं है। सारे समर्थ लोग तो जो तारामंडल, नक्षत्र और अणु - परमाणु को गिन चुके हैं वह भी आपके निर्गुण - सर्वगुण स्वरूप के गुणों को नहीं गिन सकते हैं तो भला मैं क्या हूं| मैं बस अगर एक क्षण भी आपकी कृपा को अनुभव कर लूं तो स्वयं को अनुग्रहित समझती है|
प्रभु मेरी धृष्टता तो देखिये! आज डर के वातावरण में भी मैं शांत हूं क्योंकि मैं खुद को आप से जुड़ा हुआ समझती हूं। बताइए भला अग्नि के आगे चिंगारी की क्या औकात है? परंतु हे परमात्मा! आपकी भक्ति से मुझे शक्ति मिलती है इस निडरता की, इस धृष्टता की। प्रभु! आप ही एक मात्र सत्य है क्योंकि आप सब की आत्मा है। आप समस्त विकारों से रहित है। आप परम प्रकाश है इसलिए हम आप की स्तुति करते हैं। आपके रूप अनेक हैं, हे ईश्वर पर आप एक ही हैं|
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Nice
सचमुच दी मन प्रसन्न हो गया इस आलेख को अंत तक पढ़ने के बाद। आपकी कलम व भावना को नमन🙏🏻🙏🏻
बहुत आभार सोनिया
हृदय से आभार भाई
मुबारक हो सुष, बहुत ही बढ़िया लिखा है। जीत ही जाओ तुम बस
बहुत सुंदर लिखा 🙏🌹
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