अंशिका जैसे ही पार्टी हॉल में दाखिल हुई खुसुर-पुसुर एक बार फिर शुरू हो गई थी।
" लगता है बहुत शॉपिंग करती है ये! जब देखो तब अलग अंदाज में दिखाई देती है "
" बहुत पैसे होंगे उसके पास! पर जो भी हो उसकी ड्रेसिंग सेंस कमाल की है.. हर मौके पर नए तरीके से तैयार होकर आती है, सच कहूं मैं तो इंप्रेस हो जाती हूं "
वैसे तो अंशिका को देखकर यह बातें आए दिन होती रहती थी और हो भी क्यों ना? वो थी ही कमाल! चाहे मौका कोई भी हो वह खुद को ऐसे प्रेजेंट करती है कि कोई नजरें हटा ही नहीं पाता था। सोसाइटी की विमेंस डे पार्टी में भी वह कमाल लग रही थी। पड़ोसियों ने देखा था अलग-अलग ग्रुप के साथ शायद दिन में उसकी यह तीसरी पार्टी होगी पर वह हर जगह अलग अंदाज में नजर आई। केक काटने के बाद कुछ औरतों ने अंशिका को घेर ही लिया
" सच बताओ जी! यह कमाल करते कैसे हो? हम तो तारीफ कर कर के थक गए, अब तो जलन होने लगी है"
"हा हा हा अरे प्रिया जी! आपकी तो जलन में भी मैं अपने लिए प्यार और प्रोत्साहन ही महसूस करती हूं" अंशिका अपनी चिर परिचित स्माइल के साथ बोली।
" चलो बहाने मत बनाओ अंशिका! कैसे मैनेज कर लेती हो? मैं तो चाहे जितनी भी शॉपिंग कर लूं हर बार कोई मौका आते ही अलमारी खोलूं तो ऐसा लगता है पहनने के लिए कुछ है ही नहीं या तो उस मौके के हिसाब से बहुत डल लगता है या बहुत भड़काऊ.. तुम इतनी परफेक्टली कैसे रेडी हो जाती हो? "
अंशिका मुस्कुराते हुए बोली" सच बताऊं तो ढेर सारी शॉपिंग इसका इलाज नहीं है बल्कि कम और सोच समझकर की गई खरीदारी ही काम आती है वरना तो कन्फ्यूजन और बढ़ ही जाती है। एक बात गलत यह भी हो जाती है कि हम जो भी नया देखते हैं 'आजकल चलन में है' कहकर खरीद लाते हैं और सच बताऊँ तो जो बहुत ज्यादा चलन में है वह तो सब पर दिखेगा फिर वह यूनीकनेस नहीं रह जाती है.. तो कोशिश करनी चाहिए कि कुछ अलग सा और माहौल के हिसाब से चुना जाए। "
प्रिया बहुत ध्यान से अंशिका को सुन रही थी
" यार! थोड़ा और अच्छे से डिटेल्स दो, मन तो करता ही है ना देखते ही कि चलो आजकल यह ट्रेडिंग है यह ले लेते हैं "
" देखिए जी ट्रेंड का ऐसा है कि सुबह से शाम में बदल जाता है फिर आप उन कपड़ों का क्या करोगे? उन ज्वेलरीज का क्या करोगे? तो चुनाव ऐसे करो कि कम से कम आप जो पहनो वह कुछ दिन तक ट्रेंड करें। जैसे मैं बताती हूं मैं क्या करती हूं। अब हम भारत में रहते हैं तो त्योहारों की कोई कमी तो होती नहीं है,तो पहले आप तय करिए कि त्योहारों में आप साड़ी पहनते हैं या सूट पहनते हैं! या आपके यहां जो भी रिवाज हो। उस हिसाब से साड़ियों का छोटा सा कलेक्शन तो जरूरी है। यह एक ऐसा पहनावा है जो देश के हर राज्य में चलेगा और हमारी संस्कृति के साथ मैच भी करता है। जब बात साड़ियों की आती है तो सिल्क की साड़ियों का फैशन कभी नहीं जाता है, तो मेरे वॉडरोब में एक दो अच्छी क्वालिटी की सिल्क की साड़ी जरूर रहती है जिसे मैं अलग-अलग ब्लाउज, अलग ड्रेप और ज्वेलरी के साथ मिक्स मैच करके कई लुक तैयार कर लेती हूं। एक दो साड़ी कॉटन की भी अगर गर्मियों में कोई ओकेजन हो, लाइट शेड में और एक दो साड़ियां शिफॉन की जोकि दिन में पड़ने वाले मौकों पर काम आ जाते हैं। कॉटन की साड़ियां के साथ भी मैं वही एक्सपेरिमेंट करती हूं। जैसे कलमकारी या किसी खास प्रिंट के ब्लाउज या फिर पोट्रेट ब्लाउज के साथ मिक्स एंड मैच करती हूं और सिल्वर ज्वेलरी के साथ एक्सेसराइज करती हूं ।देखिए साड़ियों का यह कलेक्शन तो भले ही आधा दर्जन भी ना हो पर सालों साल आउट ऑफ़ फैशन नहीं होने वाला है। वैसे भी मुझे पता है कम साड़ियां पहनती हूं इसीलिए चुनिंदा ही रखती हूं। "
" वाह यार अंशिका! तुमने तो बहुत अच्छा आईडिया दिया। साड़ियों के अलावा और भी ड्रेसेस का बताओ?"
" देखिए! वैसे तो हर वार्डरोब में रोजमर्रा के लिए आप जो भी पहनते हो आराम से मिल जाएंगे, जैसे अगर आप साड़ियां पहनते हो तो आपको लाइटवेट साड़ियां मिल जाएंगी हफ्ते भर के हिसाब से जो हर रोज बदलते हो, अगर आप कुर्ते पहनते हो तो आपको कुर्तियां मिल जाएंगी या फिर वेस्टर्न आउटफिट है तो ऑफिस का अलग हो सकता है साथ में जींस टॉप, यह तो कॉमन जी से हो जाती है। पर हमारी समस्या यही होती है कि जब खास ऑकेजन होता है तो अलग कैसे दिखे उसी कलेक्शन के साथ? तो मेरा मानना है कि कुछ रंग ऐसे होते हैं जो अपने आप में काफी होते हैं स्पेशल देखने के लिए। जैसे कि ब्लैक ड्रेस, अगर आप इंडियन वेयर पहनते हो तो आप एक लोंग ब्लैक कुर्ता वार्डरोब में जरूर रखो जिसे सिल्वर ज्वेलरी के साथ पहन सकते हो। अब अलग-अलग मौके पर उसी ब्लैक कुर्ते के साथ आप बहुत सारे एक्सपेरिमेंट कर सकते हो। उसे जींस के साथ पहन सकते हो उसे सलवार के साथ पहन सकते हैं या फिर उसे स्कर्ट के साथ पहनकर डिफरेंट लुक दे सकते हो। अगर आप वेस्टर्न पहनते हो तो लिटिल ब्लैक ड्रेस तो हर पार्टी की जान होती है। चुनाव आपका है।
ब्लैक कलर के बाद एक और जो दूसरा इंपॉर्टेंट कलर है वह है लाल रंग। यह कभी आउट ऑफ़ फैशन नहीं होता है। आप उसे दिन में भी पहन सकते हैं और शाम वाली पार्टी में भी पहन सकते हैं। लाल रंग की ड्रेस को आप चाहिए तो गोल्डन ज्वेलरी के साथ पहनो या सिल्वर ज्वेलरी के साथ पहनो। लाल रंग भी बहुत सारे रंगों के साथ मिक्स और मैच किया जा सकता है।
ठीक इसी तरह से सफेद रंग का भी खूबसूरत इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे एक शिफॉन चिकनकारी कुर्ता या फिर सिंपल कॉटन का व्हाइट कुर्ता, जिसे आप अलग अलग दूसरे रंगों के साथ मैच कर सकते हैं। अलग-अलग पहनावों के साथ मिक्स कर सकते हैं और किसी भी तरह की ज्वेलरी इसके साथ पर्फेक्ट दिखती है। जहां गोल्डन के साथ मिक्स- मैच करके आप इससे पार्टी वियर लुक दे सकते हो, वहीं पर्ल या सिल्वर के साथ मैच करके सोबर लुक दे सकते हो। ड्रेस के अलावा मैं दुपट्टों पर भी ध्यान देती हूं। दुपट्टा एक ऐसा पहनावा है जिससे आप स्टाइल के तौर पर भी यूज़ कर सकते हो और एक्सेसरीज के तौर पर भी यूज़ कर सकते हो। मेरे वार्डरोब में, मैं एक लहरिया दुपट्टा रखती हूं जिसे वाइट कुर्ते के साथ पेयर कर लूं या फिर जींस टॉप के साथ स्टाइल कर सकती हूं। एक दुपट्टा आप किसी भी स्पेशल वर्क वाला रख सकते हैं जिसे प्लेन इंडियन कुर्ते के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर जींस टॉप पर श्रग/जैकेट की तरह यूज कर सकते हैं। इसके अलावा एक बनारसी दुपट्टा तो जरूरी है।
एक अच्छा स्कर्ट जिसे आप क्रॉप टॉप के साथ लहंगे की तरह यूज कर सके या फिर कुर्ते के नीचे भी पहन सके। कपड़ों के अलावा ज्वेलरी में चुनिंदा सिल्वर ज्वेलरी और मोतियों का एक सेट, साथ में एक दो अच्छी ईयररिंग यह आपको हर ड्रेस के साथ मिक्स मैच करने में मदद कर देते हैं।
ड्रेस के अलावा फुटवेयर भी ज्यादा ना रख कर के चुनिंदा ही रखें पर ऐसा रखें जो हर मौके के हिसाब से, मिक्स मैच किया जा सके।
कुल मिलाकर मैं बस यही बताना चाहूंगी मैं मिक्स- मैच पर यक़ीन करती हूं, जहां कम से कम चीजों में ज्यादा से ज्यादा लुक्स रेडी किए जा सके।"
प्रिया बस अंशिका की बातें सुने ही जा रही थी। फिर उसने ध्यान दिया अब तो पार्टी भी खत्म होने को आई थी।
" थैंक यू सो मच अंशिका! तुमने इतने अच्छे टिप्स दिए.. मैं अब समझ गई कि यूं ही बिना जाने शॉपिंग करने से अच्छा है सोच समझ कर चुनिंदा चीजें अपने वार्डरोब में रखी जाए जिससे पहनते समय यह भी परेशानी ना हो कि आज मैं क्या पहनू और साथ साथ हम डिफरेंट भी नजर आए "
"हां प्रिया जी और सबसे बड़ी बात! आपका कॉन्फिडेंस, आपकी स्माइल आपकी सबसे बड़ी ज्वेलरी है.. उसे अपने साथ हमेशा पहनना करना चाहिए। वही एक चीज है जो ना तो किसी मार्केट में मिलती है और ना ही वार्डरोब में, पर उसके बिना सब बेकार है"
" हा हा हा! सही कहा तुमने, हम तो वैसे भी तुम्हारे स्माइल के ही कायल है "
दोस्तों यह परेशानी तो लगभग हर एक औरत के साथ रहती है कि क्या पहने? इतना कुछ रहते हुए भी कुछ समझ में नहीं आता है। जिसका उपाय यही है कि लिमिटेड चीजों में मिक्स मैच किया जाए और उन्हें नया लुक दिया जाए। जैसे कि आपकी आउट ऑफ़ फैशन जा चुकी साड़ियों को रिडिजाइन करके गाउन का लुक दे सकते हैं या उनके लहंगे बनवा सकते हैं। ठीक वैसे ही पुराने ब्लाउजों को भी नया लुक दिया जा सकता है। लौंग कुर्तों को शॉट करके लुक चेंज कर सकते हैं और शॉर्ट कुर्ते में फ्रील डाल कर नया ड्रेस बना सकते हैं। दो साड़ियों को मिलाकर एक नई साड़ी तैयार कर सकते हैं और एक ही कुर्ते को लेगिंग, जींस, प्लाजो और सलवार के साथ इस्तेमाल करने के बाद उसके चार अलग लुक दे सकते हैं। उन्हें अलग-अलग ज्वेलरी और हेयर स्टाइल के साथ एक्सपेरिमेंट किया जा सकता है। सबसे बड़ी बात आपकी स्माइल!! उसे कोई रिप्लेस नहीं कर सकता है। खुश रहिए मुस्कुराते रहें।
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