जैसे जैसे एक एक स्लाइड आगे बढ़ रही है मेरी झुंझलाहट भी बढ़ते जा रही है। मुझे पता है जो मैं खोज रहा हूं, वो नहीं है वहाँ.. पता नहीं फिर भी क्यों दिल को और तकलीफ देने के लिए खोजबीन आगे बढ़ा रहा हूं। कल फादर्स डे है और स्टेटस पर लगाने के लिए मेरे पास बाउजी के साथ कोई सेल्फी नहीं है। एक फोटो बचपन की दिखी पर उसमे माँ साथ है। बाउजी पास वाले कमरे में ही लेटे हुए हैं पर उनसे जुड़ी यादें दूर से आती प्रतीत हो रही है।
" क्या खोज रहे हो?" पत्नी की आवाज़ ने मेरी खोज को विराम दिया।
" रमा! तुम्हें पता है? यादें संजोना तो बाउजी ने कभी जरूरी ही नहीं समझा.. बस इसलिए मैं टिंकू के साथ सेल्फी लेता हूं.. उसके तौर तरीकों में एडजस्ट होना चाहता हूँ "
" आप भी ना! किसी किशोरवय की तरह बातें कर रहे है.. आप खुद बाउजी के बारे में इतनी बाते करते है, यादें बनी है तभी तो? और रही बात फोटो की तो अम्मा बताती थीं कि बाउजी को तस्वीरें खिंचाना पसंद नहीं था.. बस।"
पत्नी की बातों ने मुझे याद दिला दिया बचपन के दिन। कड़क अनुशासन के बीच बाउजी ने अपने कमरे में ही हमारा गुरुकुल बना दिया था। हम कई दिनों तक उनके साथ रहते और अम्मा बस खाना देने आती। जंगल ले जाकर तरह तरह के पौधों और पेड़ों के बारे में बताते थे। शायद वहीं से मेरी रूचि पेड़ पौधों में बढ़ी थी फलस्वरुप आज मैं बाॅटनी का प्रोफेसर हूं। फिर भी उनके साथ रिश्तों का समीकरण तो "इट्स काॅम्प्लीकेटेड" ही रहा।
दरवाजे पर दस्तक से तन्द्रा टूटी। बेटा बाहर से खेल कर वापस आया। मैं उसकी ओर देखते ही गौरवान्वित हो जाता हूँ जैसे खुद की पीठ थपथपाना बेटे का दोस्त बने रहने के लिए।
" टिंकू! कल फादर्स डे है। स्कूल में कोई एक्टिविटी होगी तो समन्दर किनारे पर ली हुई सेल्फी लगाना। हम स्मार्ट लग रहे हैं उसमे "
" हाँ डैड ! एक्टिविटी तो है, पर मैं नहीं भाग ले रहा हूं.. और सेल्फी तो बहुत पुरानी चीज़ हुई। स्कूल वालों ने कहा है कि पापा के संग बिताए पूरे एक दिन का विवरण देना है। मतलब कुछ भी! आज के ज़माने में एक पूरा दिन कौन देता है अपना? मुझे याद नहीं जब हमने कभी पूरा दिन साथ बिताया हो। छोड़िए ये सब डैड। फालतू का ड्रामा है। "
बेटे की बातें सुनकर मै स्तब्ध था। क्या हर बार कहानी वही होती है असंतुष्टि की, बस कारण बदल जाते है? चाहे कितनी भी कोशिश हो जाए कम ही लगेगी? शायद इसका जवाब पहले मुझे खुद से माँगना होगा। सब कुछ देने के बाद मैंने बाउजी को एक सेल्फी के लिए कटघरे में खड़ा किया हुआ था। मेरे कदम उनके कमरे की ओर मुड़ चले। आज रिश्ते का स्टेटस "इट्स काॅम्प्लीकेटेड" से "फिलिंग गुड" अपडेट हो रहा है।
©सुषमा तिवारी
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