प्रिय २०२० ,
इतनी अप्रिय घटनाओं के बावजूद तुम्हें प्रिय कहने का सबसे पहला कारण तो यही है कि जब २०१९ ने साथ छोड़ा तब मैं 'अपने' घर के सपने का सच हो जाने का इन्तेज़ार कर रही थी और मुझे वो खुशी तुमने साल शुरू होते ही दे दी। तुम्हारी बलाएँ लेते थक नहीं रही थी कि तुमने वायरस की मार से पूरी दुनिया को दहला दिया। वायरस! वैसे तो हम इंसान पहले से ही नफरत, अलगाव, द्वेष, लालच, और ना जाने कितने ही तरीके के खतरनाक वायरस से पहले से ग्रस्त हैं.. उस पर एक और प्रहार। " मैं ही मैं हूँ, मुझसे आगे कुछ भी नहीं " सोचने वाले लोगों तक को तुमने पलट कर देखने पर मजबूर कर दिया कि वो क्या खो सकते है?
अपना और अपनों का ख्याल रखना सिखाने वाले चाह कर भी तुम्हें बद्दुआ नहीं दे पाती मैं.. हाँ बुरा जरूर लगता है जब देखती हूँ तुमने कितनों से उनके अपने छिन लिए। तुमने दिखा दिया कि कोताही हुई और पलक झपकते ही अपनों से दूर! तुमने सीखा दिया कि मॉल, कपड़े, सिनेमा, रेस्टोरेन्ट, पार्टीज वगैरह के बिना भी जीवित रहा जा सकता है परन्तु अपनों के बिना जीना.. ये सोचना भी मुश्किल है।
चाहे कितनी भी बुरी से बुरी परिस्थितियां हो कुछ ना कुछ अच्छा सीखा ही जाती है। तुमसे सीखा हमने जितनी जरूरत हो बस उतना ही सहेजना.. दूसरों की मदद करना..संयम से रहना.. प्रकृति के दर्द को नजदीक से समझा। सुनी सड़कों ने एहसास दिला दिया कि लोगों से रौनक है.. अपने अंदर ही अंदर गुम रहने वालों सोच कर देखो जब बाहर कोई ना होगा तो दुनिया कैसे लगेगी? पूरे विश्व ने एक साथ एक मुसीबत का मिल कर सामना किया। सबने समझा प्रार्थना की असीम शक्ति को, महसूस किया सकारात्मक सोच की ऊर्जा को और पढ़ना सीखा मास्क के पर्दे से झाँकती सिर्फ आँखों की भाषा को!
लोग दौड़ पड़े अपने गांवों की ओर.. अपने घरों की ओर, अपनी मिट्टी की ओर.. अपनों से एक बार मिलने की छटपटाहट और जिन्दगी का क्या भरोसा सोचा कर गिले शिकवे दूर करने की पहल.. २०२० तुम किसी जादूगर से कम नहीं। कभी कभी लगता है जैसे कि यह एक बुरा सपना है और हम उठेंगे तो सब ठीक हो जाएगा। हम सीख लेंगे प्रकृति का सम्मान करना, अपनों को प्यार देना, आपस में दर्द बांटना वो भी बिना किसी को खोए! काश कि ऐसा ही होता। मैं सोच भी नहीं सकती वो दर्द कैसा होगा जब अंतिम समय में भी अपनों को आप देख ना पाओ.. उन्हें छू ना पाओ.. उनके गले ना लग सको.. यह एहसास भी डराता है।
तुमसे मिली सीख को याद रखेंगे और तुमसे मिले गम को भूलने की कोशिश करेंगे। इसी उम्मीद में,
अलविदा २०२० !
नए साल के इंजतार में
सुषमा तिवारी
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
सही कहा❤️❤️
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