हमारी मिसेज का मिशन 'आपदा में अवसर'

हल्की फुल्की हास्य कथा

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Sushma Tiwari
Sushma Tiwari 26 Nov, 2020 | 1 min read
Humour Wedding season vows Stories by Sushma


"मैं इतनी सुन्दर हूं तो क्या करूँ.. क्या करूँ" वाले सुरीले कॉलर ट्यून के बजाय बीते कुछ दिनों से हमारी मिसेज यानी कि बिन्नी के फोन से हमे 'आप प्रतीक्षा करे.. व्यस्त है' वाली लेडीज की आवाज सुनाई देती है। इस रोज होने वाली घटना ने हमारे बेचैनी को पंख लगा दिए थे। 

" कहां बिजी रहती हो " घर पहुंचते ही सवालों की झड़ी लगाने के बजाये हमने एक सारांश वाक्य पूछ लिया। 

बदले में उन्होंने " तुम भी ना! कहाँ बिजी हूं .. पड़ी हूं घर पर कई महीनों से, अब और कितना फ्री रहूं?" अपनी एक सदाबहार स्माइल दी और किचन में चली गई। 

एक तो ये फोन का मामला था कि ना जाने वो कहां इतना बतिया रहीं है और दूसरा झटका हमारा क्रेडिट कार्ड का ट्रांसैक्शन रिपोर्ट जो किसी 'फूल और पत्तों' वालों के नाम था.. अरे वही जो शहर- शहर केक, गुलदस्ते वगैरह पहुंचाते है। यह ट्रांजैक्शन साफ बता रहा था कि मिसेज आजकल किसी को धड़ल्ले से केक, फूल, गिफ्ट इत्यादि भेज रहीं थी। भला अब हम परेशान ना हो तो क्या करे?

अब उनसे साफ साफ पूछने का दुस्साहस तो कतई नहीं कर सकते थे, वो हैं ही इतनी प्यारी। कितने अरमानो से ब्याह कर लाए है और हर मामले में खरी भी उतरी है। जब सज संवर कर निकलती है तो मोहल्ले के घरों से लोग निकलकर तारीफ करते है। अब ये अलग बात है कि इस मुए कोरोना के वजह से ज़माने से लोग उनकी तारीफ करने के सुख से वंचित रह गए है। वो हमारा फोन ना उठाए ऐसा होता भी नहीं था अब हमारे प्रति उनकी ये बेरुखी बस दिवाली बाद से ही शुरू हुई थी।


किचन से लौटी तो हाथ में पानी का ग्लास लिए। पीते ही मुँह में पुदीने के पत्ते तैरने लगे।

" अरे ये पुदीना क्यों डाल दिया पानी में!!"


" भलाई का ज़माना नहीं रहा.. एक तो अपने लिए बनाई थी डिटॉक्स वॉटर, सोचा तुम्हें भी दे दूं.. और आप है कि नखरे "

"डिटॉक्स"

"डाइट"

जैसे शब्द प्राचीन काल में हमारे घर में खूब सुनाई देते थे। अब जबसे कोरोना आया था मिसेज एकदम रिलैक्स थीं.. अचानक क्या हुआ?

तभी उनका फोन बजा और वो लपक कर उठा लीं।

" हैलो.. हाँ जी बुआ जी.. जी.. ये भी पूछने की बात है.. मैं तो तैयारी भी कर चुकी.. जी.. आप निश्चिंत रहिये"


" ये कौन सी बुआ जी है तुम्हारी?"

" मेरी नहीं तुम्हारी बुआ जी.. सोनी बुआ जी, महिपाल पुर वाली"

" सोनी बुआ?? उन्होंने तुम्हें कॉल किया.. ये चमत्कार कैसे?"

हमे साफ साफ याद था पिछली बार जब हम उनके पोते के मुंडन में गए थे तो बिन्नी और सोनी बुआ की कहा सुनी हो गई थी। बिन्नी की खूबसूरत डिजाइनर दुपट्टे को उन्होंने यह कह दिया था कि ऐसी ही आधे दाम में कतरन मार्केट में देख रखी है। फिर क्या था? जले पर नमक डाल दो चलेगा पर हमारी मिसेज के साड़ी कपड़े और मेकअप की अवहेलना कतई बर्दाश्त नहीं उन्हें।

" जलती है सब मुझसे!" यह कहकर आधे प्रोग्राम से निकल लीं थी मिसेज।

यही हाल हमारे बाकी रिश्तेदारों के यहां से भी था। " चाची ने नजर लगा दिया ", "बड़ी दीदी ने वजन को लेकर बोल दिय", " भाभी ने मेक अप को लेकर टोक दिया" इत्यादि जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता था हमारी मिसेज को। मिसेज मोस्टली अपनी सहेलियों की पार्टी, किटी पार्टी में जाती पर रिश्तेदारों के समारोहों का बॉयकॉट करती.. अब जहां मन ना मिलता हो वहाँ क्या ही जाना?

अतीत के फ्लैश बैक से बाहर आकर इशारे से फिर पूछा मिसेज को जो अब भी मन्द मन्द मुस्करा रहीं थीं।

" देखो! शादियों का सीजन शुरू हो चुका है, सोनी बुआ के छोटे लड़के की शादी है.. कार्ड उन्होंने फैमिली ग्रुप में डाला है पर पर्सनली मुझे निमन्त्रण देने के लिए फोन किया था "

" तुम फैमिली ग्रुप में.. वाह!"

" क्यों नहीं.. मैं क्या परिवार नहीं.. अब इस संकट के समय में ये शादी, ब्याह, पार्टी, सिर्फ परिवार वाले ही काम आते है ना!"

" तो तुम जा रही हो? तुम्हारे तो मतभेद थे ना?"


" भाड़ में गए मतभेद.. जान सूख गई घर बैठे बैठे.. अब ना तो सहेलियों के यहां से बुलावा आएगा ना पड़ोसियों के यहां से.. टॉप 100 में उनके रिश्तेदार समा जाए वही बहुत है.. किटी पार्टीज की पहले ही बैंड बज गई है। मैं मतभेद देखूँ या टॉप 100 में अपनी जगह बनाऊँ! कई दिनों की मेहनत लगी है तब जाकर इस लिस्ट में अपनी जगह बना पाई हूं "

हमे जोर से हँसी आई पर वो नंगी तारों को छूने जैसा होता। 

" अच्छा तो ये फोन काॅल्स पर इन्हीं रिश्तेदारों के साथ व्यस्त थी तुम.. और वो गिफ्ट, फूल?"

" वो मैंने ही भेजे थे.. नीना दीदी की ननद की बेटी को। उसकी डेस्टिनेशन वेडिंग है जयपुर में.. मैं भी हूं लिस्ट में" 

" अरे शहर के बाहर कहाँ जाओगी?" 

" क्यों ना जाऊँ? पता है अनुष्का विराट वाली थीम है.. हाय ज़माने से मन था मेरा पेस्टल कलर का लहंगा बनवाऊं, अब मौका मिला है तो हाथ से जाने दूं?

.. और इसके अलावा लवली चाची, नीना दीदी, नीना दीदी की ननद.. सबके यहां से न्यौते है मुझे "

" मेरी सारी साड़ियां और ड्रेसेस रखे रखे ऑउट ऑफ फैशन हो जाएंगी अगर मैंने समझदारी से काम ना लिया तो.. फिर तुम्हारे ही पैसे बर्बाद होने है.. अब ऐसा चाहते हो क्या? "

नहीं जी नहीं.. बिलकुल नहीं। मिसेज की समझदारी देख हमारा मन गदगद हो गया। इस आपदा वाले समय में जहां शादी - पार्टीज में सरकार द्वारा गेस्ट संख्या लिमिट है वहाँ टॉप 100 में अपनी जगह बनाने का गुण तो हमारी मिसेज में है ही। 

©सुषमा तिवारी

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Sushma Tiwari

SushmaTiwari

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • ARCHANA ANAND · 3 years ago last edited 3 years ago

    हाहाहा... बहुत मजेदार

  • Charu Chauhan · 3 years ago last edited 3 years ago

    हा हाहाहा.... ग़ज़ब 👏

  • Varsha Sharma · 3 years ago last edited 3 years ago

    Haha 😂 गजब

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