Sushma Tiwari
09 Sep, 2020
दर्द
अपने दर्द की वजह हम खुद है
ताउम्र कौन नहीं रहना चाहेगा?
किसी का प्यार, किसी का साथ
याद रहे ना रहे!
ज़ख्म और ग़म हम बखूबी ढोया करते हैं
अब हम माहिर है जिसमें
वो ही मिलेगा, मांगने वाले हम खुद है
इरादा तो नहीं था
पर आदतन हो ही गया
मुट्ठी भर खुशियों को हवा में उड़ाया हमने
ज़माने भर का ग़म हमारा हो ही गया
Paperwiff
by SushmaTiwari
09 Sep, 2020
दिल ए दास्तान
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