Sushma Tiwari
06 Oct, 2020
अधूरी दास्तान
कविताएं और कहानियां
घूमते किरदार उनके यहीं कहीं
राह में पड़े या अंगुठी में जड़े
कुछ रंगीन-बेरंग पत्थर
पेड़ से झुकी डाल
या फिर हवा में उड़ते बाल
कितना कुछ बयां करते मुझसे
सिग्नल पर गाड़ी की खिड़की में झांकते चेहरे
आँखों में कई उम्मीद लिए
वो चंद मिनटों का व्यापार
पर बाकी ही रह जाती है मुझसे
कैसे सुनूँ हर 'अधूरी दास्तान'
Paperwiff
by SushmaTiwari
06 Oct, 2020
कैसे कहूँ मैं लेखक हूं?
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