चमत्कार

चमत्कार होते हैं वो हमारे अच्छे कर्मों का फल है बस

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Sushma Tiwari
Sushma Tiwari 20 Sep, 2019 | 1 min read

"क्या पागलपन लगा कर रखती हो यार ज्योति तुम भी, मदद करना अच्छी बात है पर ये सब.. तुम सोशल साइट्स पर आई मदद की गुहार में दूसरे शहर जाकर रक्तदान करोगी?" अद्वैत गुस्से में था।

"आप लोग क्यूँ नहीं समझते.. मेरा ब्लड ग्रुप बहुत दुर्लभ है AB(-), और मैं पूरी जांच सत्यापन के बाद ही मदद के लिए जाती हूँ इस तरह जान बुझ कर किसी को मरता नहीं छोड़ सकते ना?"ज्योति ने समझाने की कोशिश की पर ससुराल वालों ने दिशा की तरफ देखा जो उसकी बड़ी बहन और जेठानी भी थी, क्या बोलती बचपन से ही परोपकार का भूत है इसको।कहती थी दुआएँ मिलेगी जो खाली नहीं जाती। 

एक दिन अपनी सहेली पूजा के घर जाते समय भयंकर कार एक्सीडेंट हो गया ज्योति का,बहुत खून बह गया था, सब दौड़ के हॉस्पिटल आए। पूजा खुद को कोस रही थी और डाक्टर से बोली मेरा कतरा कतरा ले लो और इसे बचा लो। डॉक्टर ने साफ बोल दिया दुर्लभ ब्लड ग्रुप है हॉस्पिटल तो क्या शहर में भी नहीं है। बचना नामुमकिन है। अद्वैत बस भगवान से यही बोल रहा था की जो दूसरों की मदद करती थी उसके साथ ऐसा क्यूँ।

थोड़ी देर बाद आकर डॉक्टर ने कहा - इसे कहते हैं चमत्कार,.. मुझे आज तक चमत्कार पर विश्वास नहीं था, पर आज आप सबके प्यार के कारण हम आपकी पत्नी, आपकी बहू, आपकी भाभी और आपकी दोस्त की जान बचा पाए हैं। ये भी किसी चमत्कार से कम नहीं जहां हमने बिल्कुल उम्मीद छोड़ दी थी वहाँ पर ऐसा चमत्कार हो ही नहीं सकता था। एक आदमी खुद चल कर आया और AB- ब्लड देकर चुप चाप चला गया।

सब समझ गए ये ज्योति को मिली दुआओं का चमत्कार है। 

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