राधिका विवाह के बाद जब एक अनजान परिवार और नए शहर में आई तो उसने कभी सोचा नहीं था जीवनसाथी के रूप में उसे एक सच्चा दोस्त मिलेगा, रोहित इतने सुलझे हुए थे और हमेशा कहते तुम ही मेरी बेस्ट फ़्रेंड हो। हाँ सच ही तो है जब जीवनसाथी ही दोस्त हो तो जिन्दगी आसान हो जाती है। वो एक दूसरे को समझते, सुनते, हाँ लड़ते भी और मनाते भी। जीवन के हर मोड़ पर रोहित एक पति से ज्यादा दोस्त बनकर उसका साथ देता। उनका याराना सबके लिए बन गया ।
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