"चलो यार, वैभव का जन्मदिन है, ट्रीट तो बनती है! हाँ, हाँ चलो कहाँ चलना है? वैभव ने कहा, तो सभी ने एक साथ उनके फेवरेट रेस्तरां का नाम लिया। सब मजे के साथ बैठे ऑर्डर किया। तभी वैभव की नज़र रेस्तरां के शीशे पर बाहर से नज़रे चिपकाए कुछ बच्चे दिखे। वैभव ने दोस्तों से कहा, इनके लिए भी ऑर्डर करते हैं, अपने इंस्टा स्टोरी के लिए पिक्स मिल जाएंगी। इशारे से बच्चों को अंदर बुलाया, बैठाया। फिर खाना आया और सारे दोस्त प्लेट और खाने की फोटो लेने लगे, यार कोई हाथ नहीं लगाएगा पहले अपलोड करने दे। फिर खाना बच्चों के सामने रखा और कहा, खाओ बच्चों! सभी बच्चे हाथ जोड़ कर आँखे बंद कर खड़े हो गए। दोस्तो ने एक दूसरे को देखा और उनसे पूछा, अरे ये क्या कर रहे हों, खाओ यार! तब एक बच्चे ने कहा, भईया! हम ईश्वर की प्राथना करके धन्यवाद कर रहे क्यूँकी हमे इतना अच्छा खाना मिल रहा है, माँ कहती हैं जब भी भोजन सामने हो तो हमे प्रभु का धन्यवाद करना चाहिए। बच्चों की बात सुन कर सब शर्मिंदा हो गए की हम जो खाने की चीजों को दिखावे का सामान बना चुके हैं कभी धन्यवाद नहीं देते और ये बच्चे जिन्हें कभी कभार ही मिलता है फिर भी ईश्वर के शुक्रगुजार है।
भोजन
खाने के पहले प्रार्थना या insta story
Originally published in hi
Sushma Tiwari
11 Aug, 2019 | 1 min read
0 likes
Support Sushma Tiwari
Please login to support the author.
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.