संरक्षण उपाय

पर्यावरणीय संरक्षण बहुत आवश्यक हो गया है

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Sushma Tiwari
Sushma Tiwari 02 Sep, 2019 | 1 min read

पर्यावरण संरक्षण

प्रकृति की रक्षा यानी पर्यावरण संरक्षण, सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि ये प्राकृतिक वस्तुएँ जो भी है प्रकृति ने निशुल्क यानी मुफ्त में उपलब्ध कराया हुआ है। हवा, पानी, पहाड़, जंगल, पेड़ पौधे,अन्य जीव जंतु। ध्यान रहे मानव भी एक जंतु है यह सभी हमारे जीवन के लिए पूरक है जब हमारा जीवन प्राकृतिक वस्तुओं तक ही सीमित था, तब हमारी औसत आयु 100 वर्ष या उससे अधिक हुआ करती थी।कहते हैं कि प्रकृति स्वयं अपने आप को संतुलित करती है इसका अर्थ यह हुआ कि इनमें से यदि किसी की भी अधिकता होती है तो प्रकृति स्वयं उसको नष्ट करने का उपाय किया करती थी और आज भी करती है परंतु आज मनुष्य के बदलते एवं कृत्रिम जीवन यापन के कारण प्रकृति का इससे संतुलन से पकड़ कम होती जा रही है ध्यान रहे कि प्राकृतिक वस्तुओं के अलावा हमारे जीवन उपयोगी जितनी भी मानव निर्मित वस्तुएं हैं उन पर प्रकृति को वश नहीं है जैसे आज की युग में जितनी भी व्यवस्था संबंधी वस्तु ह जिन पर प्रकृति का नियंत्रण ना होकर मनुष्य का नियंत्रण है वे सभी पर्यावरण या प्राकृतिक संरक्षण में बाधक बन रही है इनमें सबसे ज्यादा घातक है वातानुकूलित मशीन कार बस ट्रक कल कारखाने एवं तेल शोधक कारखाने, दूसरा संतुलन का सबसे बड़ा कारण बढ़ती जनसंख्या के अनुपात में पृथ्वी पर पेड़ पौधों का ना होना आखिर इन कमियों से प्रकृति का नुकसान किस प्रकार हो रहा है यह जानना जरूरी है।

वातानुकूलित मशीनों द्वारा निकलने वाला गैस क्लोरो फ्लोरो सीधे प्रकृति द्वारा प्रदत ओजोन रूपी पृथ्वी के कवच को नुकसान पहुंचा रहा है जिसके कारण सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणें ओजोन द्वारा प्रतिरोध ना होकर सीधे पृथ्वी तक पहुंच रही है जो जंतुओं पेड़ पौधों के जीवन में बाधक साबित हो रहा है। दूसरा कारण डीजल पेट्रोल से चलने वाले वाहनों एवं कल कारखानों की चिमनियों से निकलने वाला काला धुआं भी वायुमंडल में कार्बन डाई ऑक्साइड तथा कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे गैसों के अनुपात को पढ़ा रहा है। जिसके कारण अम्ल वर्षा के साथ जीव जंतु के लिए कई विपरीत परिस्थितियां पैदा कर रही हैं।तीसरा कारण यह है कि मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पेड़ों को काटकर को हटाकर बिल्डिंग और कल कारखाने लगा रहा है। छोटी सी कहानी का पटाक्षेप करते हुए हम यही कह सकते है कि हम पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रारम्भ में निम्न परिस्थितियों पर नियंत्रण करना प्रारंभ करें तो प्रकृति को बचा सकते हैं जैसे की

1) जनसंख्या नियंत्रण

2)लोगों को उपरोक्त बातों को समझाने के लिए शिक्षित करना

3)विलासिता पूर्ण जीवन शैली में धीरे-धीरे बदलाव करना

4पेड़ों के संरक्षण करना

5)प्लास्टिक का उपयोग को कम करना या न करना कि मिट्टी की उर्वरता बढ़ाई जा सके

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