घर के बाहर खड़े उसने पूछा
हाँ क्यूँ छोड़ दिया आपको
कुछ नहीं कोई और मिल गई
उन्हें मुझसे भी सुंदर, जवाब आया
पर कैसे? उसने ध्यान से देखा
हाँ आंखो के नीचे काले घेरे थे
पर वो रात भर जगती हम बीमार होते तो
वो सबसे पहले उठती सब काम पर जाते तो
हाँ बिखरे बाल तो थे
पर उनसे वो कभी तो घनी धूप से बचाती
हाँ हांथों में छाले तो है
पर उनसे वो असीमित काम जो कर जाती
हाँ पैर फटे हुए है
पर उनसे वो हमारे लिए नंगे पैर
मन्नत मांगने जो जाती
फ़िर कैसे उसकी माँ सुन्दर नहीं थी
उसके लिए, हमारे लिए, सबके लिए
माँ की सुंदरता की कोई सीमा नहीं है
और उस सुंदरता को बयान कर दे,
ऐसे सुन्दर शब्द कहाँ से लाऊँ
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