आँखे दिखाओ मत

सच चुभता है

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Sushma Tiwari
Sushma Tiwari 01 Oct, 2019 | 0 mins read

विभूति आँखे दिखाता हुया बोला "श्यामा तुमने ये ठीक नहीं किया, मैंने तुम्हें सम्मेलन में जाकर मंच पर बोलने की आज़ादी क्या दी तुम महिलाओं पर अत्याचार की गाथा लेकर बैठ गई। सब मेरी तरफ हेय दृष्टि से देख रहे थे। आइंदा कोई ज़रूरत नहीं जाने की, सबको लगेगा तुम पर अत्याचार होता है तभी तो इतनी गहरी बात कह रही हो।"

" शुक्रिया विभू! मुझे पंख देकर काटने के लिए, एक कवि समाज का आईना होता है, उसकी रचनाओं का निजी जीवन से ताल्लुक हो ये बात समझदार समझते हैं बाकी हर एक के दिमाग का कचरा साफ नहीं कर सकते।"

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