संस्कार ज्ञान

बच्चे तो कोरी तस्वीर है संस्कार का रंग भर जो, दुनिया रंगीन हो जाएगी

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Sushma Tiwari
Sushma Tiwari 31 Dec, 2019 | 0 mins read

आज स्कूल में बुलाया था पीहू की टीचर ने, उन्हें शिकायत थी पीहू के नंबर कम आए थे।

"मालती जी ध्यान दीजिए प्रतियोगिता का दौर है बच्ची पीछे रह जाएगी" टीचर ने कहा था।

"माँ! एक मिनट".. पीहू की आवाज़ से मालती की तन्द्रा टूटी.. "अरे कहाँ बेटा..?"

पीहू दौड़ते हुए गई और सड़क किनारे मंदिर के पास प्यासे बैठे वृद्ध दंपति को अपनी बोतल से पानी दे रही थी

और वो नम आंखो से दुआएँ दे रहे थे, गैर धर्म वालों को किसी ने पानी देना भी मुनासिब ना समझा था।

मालती की आँखों में खुशी और गर्व था, वो आज टीचर को दिखाना चाहती थी.. देखो भारी बस्ते के बोझ तले भले ही मेरी बेटी के नंबर कम होंगे, पर वास्तविक संसार में बिना भेदभाव किए, कोमल हृदय और प्राणियों में सद्भाव रखते हुए उसके संस्कार पूरे नंबर पाते हैं। प्रतियोगिता की दौड़ में किताबी ज्ञान के साथ इंसान बनने मे भी अव्वल रहेगी। बअव्वरहेगी।

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