वादा रहा

वादा रहा दूरियां रिश्तों पर बर्फ ना जमने देगी

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Sushma Tiwari
Sushma Tiwari 02 Jan, 2020 | 0 mins read

"शिव! पागल हो क्या, इतनी ठण्ड में यहां क्यूँ लेकर आए हो ? बात क्या है आखिर?"

"शालिनी! तुम्हें यह जगह याद हैं ना जब मैं तुमसे पहली बार मिला था, बिलकुल खाली जेब, खाली दिल.. फिर तुम मेरी जिन्दगी में आई और उसे खुशियों से भर दिया"

"शिव! क्या रखा है अब इन बातों में, तुम मानोगे नहीं और मुझे छोड़ कर ट्रेनिंग पर जाओगे ही "

" शालिनी, याद है तुम ही तो कहती थी कि मैं भागते रहता हूं, मुश्किलों से.. अपनी जिम्मेदारियों से, सच कह रहा हूं तुमसे दूर रहने से ज्यादा मुश्किल कुछ ना होगा मेरे लिए"

"शिव मत जाओ फिर.. मैं अपने सारे तंज वापस लेती हूं.. रुक जाओ, क्या पता रिश्ते का भविष्य अंधकार मय ना हो जाए? "

" मैं ऐसा नहीं सोचता.. देश के उज्जवल भविष्य के लिए मैं सियाचिन मे तैनात रहूँगा.. तुम्हारे तंज प्रेरणा बन गए हैं शालिनी.. अब ना रोको "

" शिव.. क्या सियाचिन की बर्फ हमारे बीच के संबंध की गर्माहट को बचने देगी?"

" शालिनी.. जीवन को दिशा भी तुमने दिखाई, अब पीछे हटने को ना कहो.. हमारे रिश्ते की गर्माहट मैं हज़ारों मील दूर भी महसूस करूंगा, वादा करो हमारे प्यार पर नाराजगी की बर्फ नहीं जमने दोगी तुम? "

मुस्कराती हुई शालिनी शिव को गले लगाती है" वादा रहा!"

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