एक तेज करंट सा दौड़ा और जॉन ने खुद को बेहोश पाया। बीप बीप की आवाज़ से होश आया। सब कुछ धुंधला था और शरीर में भयंकर दर्द। अब कोई तार नहीं लगी हुई थी शरीर में। धीरे धीरे उठ कर वह लैब नुमा कमरे से बाहर आया, बाथरूम खोजते हुए दूसरे गलियारे तक गया। एक कमरे के पास से गुजरते हुए दरवाजे से लगे कांच से अंदर देखा तो काफी हरकत नज़र आ रही थी। जॉन ने सोचा कि अंदर जाकर अपनी हालत बताये, जैसे ही दरवाजा खोला आवाजें आ रही थी
"माइ गॉड! ये नहीं होना चाहिए था। इस बार भी प्रयोग उल्टा पड़ चुका है.. उम्र बढ़ने से रुकने के बजाय तेजी से घट रही है.."
"ठीक है डॉक्टर! घबराने जैसी कोई बात नहीं, हमने इतने खर्च करके प्रयोग शुरू किया है। 100 मे से 20 भी सफल हुआ तो भी हम प्रॉफिट में ही रहेंगे। बस यह खबर बाहर नहीं जानी चाहिए। इनके परिवार वालों को बोल देना इनको कुछ हेल्थ इशू थे इसलिए बच नहीं पाए। "
लैब के ओनर मिस्टर बिसरा ने कहा।
" सर! मिस्टर जॉन को पैसे देने है या नहीं? "
" अरे पागल हो क्या? उनको जो फेक स्क्रीन दिखाई थी, अब वो जिंदा होकर मांगने नहीं आएंगे। उनसे जितना हो सके कोशिकाओं को निकाल कर स्टोर कर लो अगले प्रयोग के लिए। उनकी कोशिकाएं काफी शक्तिशाली है जिस वजह से यह गडबड हुई है.. अगले प्रयोग में ढंग से डिजाइन करो "
जॉन के पांव के नीचे से जमीन खिसक चुकी थी। एक कांच नुमा आॅब्सरवेटीव में एक 18 साल का लड़का था और ये हो ना हो उसका रिसीवर था जिसकी उम्र लगातार घट रही थी प्रयोग के दुष्परिणाम से।
जॉन ने तय कर लिया कि उसे वहाँ से निकलना है और इनका भंडा फोड़ना पड़ेगा। क्यूँकी उसके साथ धोखा हुआ था और उसको ये समझ आ चुका था कि प्रकृति से खिलवाड किसी लालच के लिए सही नहीं है।
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