मैं जिक्र नहीं कर रही हूं
विदेशों में होने वाले युद्ध,
या तीसरी दुनिया के सारे
देशों में होने वाले युद्ध
मेरा मतलब यहाँ से है,
हमारी सड़कों पर जहां
सबके पास अपने मुद्दे हैं
हाँ उतने ही जितने सड़क पर गड्ढे हैं
तो यहां कई युद्ध चल रहे है ...
देखो समाज में दरार आ रही है
और युवा और बच्चे नशे से जुड़ गए है
शिक्षा के सौदागरों के शिकंजे मे
कुछ ठगों का खच्चर बन गए हैं
किशोर लड़कों को मजबूर करते सब
"आदमी" होने के लिए,
हमारी छोटे राजकुमारों को
बड़े होने से पहले परिपक्व होने के लिए,
हम बिना योजना परिवार की शुरुआत कर रहें हैं,
शैतान सी भूख की आत्मा कैसे तृप्त करे ,
एक एक करके और पड़ोस तक
शापित हर एक एक गाँव बन गए है ...
हाँ यहां कई युद्ध चल रहे हैं
जब हम खबर देखते हैं ,
डरावनी कहानियाँ प्राय
प्राइम टाइम में वहीं
सबकी एक पक्षीय राय,
वैसे उन्हें वास्तव में सच को दिखाने की जरूरत है
खून-खराबा और हत्या से भयभीत हम
हमे कुछ सकरात्मक बताने की जरूरत है
क्यूँकी असली मे हमारे अंदर भी एक युद्ध चल रहा है,
लोग संघर्ष कर रहे हैं,
भोजन के लिए लड़ रहे हैं
लूट और चोरी करने के लिए मजबूर,
दवाओं के लिए तरस रहें हैं
जैसे जीवन इतना असत्य है
वे प्रकट नहीं कर सकते
दर्द सब अप्रकट्य है
बस सबसे खराब सच छिपाना
और बाहर की तरफ आदर्श चित्र दिखा रहे हैं
सब यहां रोज एक युद्ध लड़ रहे हैं
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