दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था यानी कि भारत का बजट भी करोड़ों लोगों की उम्मीद है। हर साल कभी उम्मीदों पर खरी उतरता तो कभी गर्म तवे पर पानी की कुछ बूंदों की तरह राहत पहुंचाता हुआ बजट फिर अगले साल राहत के इंतजार में खड़ा किसान, आम जनता, और टैक्स भुगतान करने वाला वर्ग। हर साल की तरह बजट 2020 भी नए कीर्तिमान स्थापित करता हुआ था। राहत? ना जी ना! आजाद भारत का सबसे लंबा बजट भाषण 2 घंटे 40 मिनट का जो कि माननीय वित्त मंत्री जी ने खुद ही अपने पिछले साल के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए दिया। तो इस बार का बजट आधारित था, "सबका साथ सबका विकास" थीम पर। महत्वाकांक्षी भारतीयों के लिए कृषि, सिंचाई, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, पानी, स्वच्छता, शिक्षा जैसे सभी क्षेत्रों में विकास के लिए नई योजनाओं की घोषणा थी। नई अर्थव्यवस्था के विकास के लिए भी प्रारूप तैयार था। हम भारतीयों की एक जिम्मेदार समाज की सबसे बड़ी जरूरत जैसे महिलाएं, बच्चे सामाजिक कल्याण, संस्कृति, पर्यटन पर्यावरण एवं जलवायु पर भी चिंता जताई गई साथ ही साथ नए कार्यक्रम जैसे जल जीवन मिशन को 11,500 करोड का आवंटन देखने को मिला। टैक्स स्लैब में और विविधता देखने को मिली जो नौकरी वर्ग वालो के लिए थोड़ी बचत की उम्मीद की किरण के रूप में दिखी। सरकार का विश्व स्तर पर भारत को टेक्निकल टैक्सटाइल में आगे लेकर जाने का उद्देश्य तो साफ दिख रहा है पर एक आम गृहिणी के तौर पर हमारी आंखें टिकी रह गई कि कब रोजमर्रा की महंगाई से छुटकारे का कोई उपाय बताया जाए। पर साथ ही साथ एक जिम्मेदार भारतीय के नजरिए से देखा तो यह आश्वासन मिला कि देश का विकास होगा तो हम भी समृद्ध होंगे। आखिर "सबका साथ सबका विकास" पर आधारित हमारा बजट 2020 जो है।
मेरा देश मेरा बजट
नए कीर्तिमान स्थापित करता बजट कितना स्थान बना पाई करोड़ों भारतीय के उम्मीदों पर?
Originally published in hi
Sushma Tiwari
09 Feb, 2020 | 0 mins read
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