मानवीय मूल्य

अच्छे अंक के बिना शायद जिंदगी निर्वहन हो जाए पर अच्छे मानवीय मूल्यों बिना नहीं

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Sushma Tiwari
Sushma Tiwari 30 Apr, 2020 | 0 mins read

बच्चे के स्कूल से ख़बर आने के बाद की उसने एक दूसरे बच्चे को बुरी तरह से घायल कर दिया है माँ का मन बेचैन हुआ था। स्कूल में टीचर ने टेबल पर पानी का ग्लास आगे बढ़ाते हुए शांत किया। पर माँ जितनी चिंतित थी उससे ज्यादा विस्मित।

" ऐसा कैसे हो सकता है.. मेरा बेटा आप जानती है मैडम! पूरे स्कूल में अव्वल आता है पढ़ाई में, साथ ही साथ खेल कूद या हर तरह की ऐक्टिविटीज में.. ऐसी हरकत वो क्यूँ करेगा, गलती दूसरे बच्चे की होगी "

टीचर ने विस्मय भरी नजर से देखा

" देखिए मैम! आप सही है, पर आपके बेटे ने एक कलम के लिए जो शायद क़ीमती थी उस बच्चे को मारा.. बुरी तरह से मारा.. उसका कहना था कि आप लोगों ने सिखाया है कि अगर हमे कुछ चाहिए तो भरपूर कोशिश करनी होगी और किसी हाल में उसे हासिल करना चाहिए। मैं समझती हूं आपका तात्पर्य अच्छे अंकों और एक सम्मानजनक स्थान से होगा पर शायद आपके बच्चे में मानवीय मूल्यों की कमी रह गई है। वो हमेशा ही सबसे कठोर व्यवहार करता है। देखिए! शायद अच्छे अंकों के बिना भविष्य में वो जिंदगी में खुश रह जाए पर अच्छे मानवीय मूल्यों बिना वो भावनाओ से विहीन एक मशीन बन कर रह जाएगा "

माँ के चेहरे पर अब ग्लानि के भाव थे। अपनी मशीनी सोच का भुक्तभोगी वो बच्चे को नहीं बना सकती। अपना बच्चा तो वापस चाहिए, हाँ किसी भी हाल में।

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