बचपन के खेल में बचपन ढूंढे

Quarantine के समय हमारे बचपन के खेल जहां बच्चों के लिए नए होंगे हमारे लिए भी यादों को जीने का उत्साह पूर्ण तरीका। आइये इस समय को सुनहरे अवसर मे परिवर्तित किया जाए।

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Sushma Tiwari
Sushma Tiwari 10 Apr, 2020 | 1 min read

" मम्मी स्कूल भी बंद, पार्क भी बंद.. हम दोस्तों से मिल नहीं सकते.. खेल नहीं सकते.. कब खत्म होगा ये 'लॉक डाउन'? "

" बेटा! ये हमारी भलाई के लिए है.. अगर इस कोरोना ने सब खत्म कर दिया तो क्या होगा.. हमे घबराने की बिलकुल जरूरत नहीं है.. बस एक तरीके से ये प्रकृति का तरीका है ताकि हम सब एक दूसरे के और करीब आ सके। "

" कैसे आएंगे.. आप मेरे वाले गेम्स खेलना जानते हो क्या?"

" तो एक काम करते हैं हम मेरे वाले गेम्स खेलते हैं.. जो हम खेलते थे.. आप लोगों के लिए नया भी होगा.. आप बोर भी नहीं होंगे और हम भी एंजॉय कर लेंगे "

" येस!! तो कौन से गेम्स हम खेल सकते हैं? "

" हम खेलेंगे अंताक्षरी "शहर, नाम, वस्तु, सिनेमा" के शब्दों की.. राजा रानी चोर सिपाही.. रंग रंग रंग तूझे कौन से पसंद.. लूडो, कैरम, चेस, और भी बहुत कुछ "

समय है बच्चों के साथ जुड़ने का और अपना बचपन वापस जीने का, ये मौका फिर ना आएगा क्यूँकी हम तो गर्मियों की छुट्टियों में भी एक्स्ट्रा क्लास के चक्कर में जाने किस दौड़ में शामिल हो गए थे जो अब" जरूरी सामान "के सूची में है भी नहीं। वक़्त है जीने का.. जीने का तरीका बदलने का।

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