चर्चा चाय की

"मेरा शहर मेरी नज़र से" आइए जानते हैं थोड़ा और। चित्र साभार : येवले चहा / तंदूरी चाय

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Sushma Tiwari
Sushma Tiwari 12 Jan, 2020 | 0 mins read

हैलो दोस्तों!

मैं लेकर आई हूँ "मेरा शहर मेरी नजर से" सीरीज का पहला भाग।

कहानियां और किस्से तो हम सुनते सुनाते रहते हैं। सब यहां अलग अलग शहर से है। तो एक नई कोशिश इस नए साल में मेरी तरफ से। मैं जितना जानती हूं अपने शहर को अपनी नज़र से.. लेकर आऊंगी आपके सामने, क्या बदल रहा है.. क्या बदलना चाहिए, आसपास का आकर्षण, एतिहासिक मह्त्व। तो शुरू करते हैं इस कड़ी में पहला किस्सा.. किस्सा चाय का। जी हाँ हम चाय पर चर्चा तो बहुतेरे करते हैं आज चाय की चर्चा करते हैं।

दोस्तों एक ज़माना था कि चाय की दुकान बोलते ही जेहन में आता था चाय की छोटी सी टपरी और चाय वाला जो दुकानों तक चाय पहुंचा दे। रेस्तरां भी बहुत हुए जहां तरह तरह के पकवानों के बीच मेन्यू कार्ड के सबसे नीचे चाय अपनी जगह काफी के साथ शेयर करता था। पर अब शहर बदल रहा है और बदल रही है चाय की दुकान की पहचान। पिछले कुछ सालो में बड़े बड़े व्यावसायी कूद पड़े हैं चाय के बाजर में.. क्यूँकी उन्हें पता है चाय का क्रेज सबके सिर चढ़ कर बोलता है।

हमारे शहर कल्याण मे भी बीते दिनों में तंदूरी चाय, और तरह तरह के चाय के दुकानों की फ्रेंचाइजी खुल रही है। यहां आपको चाय की बेहतरीन और अनगिनत वैरायटी पीने को मिलेगी और वो भी वाजिब कीमत पर। तो अब मेन्यू कार्ड में है चाय ही चाय और नीचे कोने में और भी चीजे मिलेंगी चाय की चुस्कियों को चटपटा बनाने के लिए।

तो आइये और सुबह की सैर और शाम की टहल दोनों को ख़ुशनुमा बनाए इन चाय की प्यालों के साथ।

फ़िर मिलूंगी अपने शहर बात।

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