ख्वाब थे जो अधूरे

इस quarantine कहानियाँ, कविताएं और विचार जो भी मन में पड़े हुए थे उतार डालिए paperwiff पर, समय का सदुपयोग करे

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Sushma Tiwari
Sushma Tiwari 10 Apr, 2020 | 0 mins read

कहानीकार का मन कहानियां बुनता हुआ। पर उसकी और भी तो जिम्मेदारियाँ है.. इस भागती दुनिया में अब मल्टी टास्कींग का ज़माना है। आप एक गृहणी भी है, एक व्यापार प्रबंधक भी और मन से तो कहानीकार तो है ही। तो ईन कहानियों और कविताओं को काग़ज़ या नोट पैड पर उतारने का समय मिलना मुश्किल होता है।

"हे भगवान काश कुछ ऐसा होता कि मुझे घड़ी के साथ ना दौड़ना पड़ता.. और मैं अपनी इच्छा अनुसार कुछ लिख पढ़ पाती "

ऐसा शायद सभी ने दुआ की होंगी जो एक साथ सब को समय ही समय मिल गया। अब जब समय मिला है तो ये हम पर निर्भर करता है कि कोरोना का रोना कर इसे गंवा दे या इसका सदुपयोग कर अपनी शिकायतों को दूर करे।

हाँ गृहस्थी का बोझ भी बढ़ेगा पर भाग दौड़ से तो बचे हुए है।

कहानीकार का दिमाग अब कहानी लिख कर, कविताएं लिख कर मन को शांत कर रहा है बल्कि बाहर और अंदर इतनी शांति है कि विचारों में भी ताजगी आई हुई है।

आइए मिलकर अपनी कलम की धार को तेज़ करने का यही सुनहरा अवसर है और हाँ मंच तो पेपरविफ है ही।

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