एक खत 2019 के नाम

शुक्रिया कहना तो बनता है ना 2019 को

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Sushma Tiwari
Sushma Tiwari 01 Jan, 2020 | 0 mins read

1/1/2020

प्रिय,

बीते हुए वर्ष!

कितनी घबराहट थी कल तक.. तुम्हें छोड़ते हुए दिल बैठा जा रहा था। पता नहीं क्यूँ पर ना जाने डर सा लग रहा था, जाने नया साल कैसा हो? हां क्यूँकी तुमसे बहुत प्यार मिला, उम्मीद से दोगुना मिला। आँखों के सामने आज एक साल पुराना चित्र घूम गया जब तुम्हारे आने का बेसब्री से इंतजार था और सच कहूँ तो कुछ खट्टी मीठी यादें देते हुए तुम मेरे जीवन के प्रिय वर्षों में शामिल हो गए।

तुम्हारे साथ जब शुरुआत हुई, तो कई ख्वाब मन में थे और चाहत थी की बस ख्वाब पूरे हो ना हो बस आँखों में यूँ ही सलामत रहे। पर किसने सोचा था वर्ष के उत्तरार्द्ध में तुम मेरे जीवन को नया मोड़ दे दोगे। लिखने का शौक जो पंद्रह साल पहले कहीं डायरी के पन्नों में दब कर रह गया था इतने कम समय में तुमने उसे ना की केवल जिंदा किया बल्कि एक संतोष जनक मुकाम पर ला कर खड़ा कर दिया। अब आज मैं नए साल की दहलीज पर पहला कदम रख रहीं हूं तो वो आत्मविश्वास साथ है जो तुमने दिया है।

जानते हो.. दुनिया आभासी लगती थी मुझे पर पता ना था तुम मुझे आभासी दुनिया में सच्चे मित्रों से मिला दोगे। जो भटकाव था दूर हो रहा है, कुछ मार्गदर्शक दिए तुमने तो कुछ प्रोत्साहक दिए। ऐसा लग रहा है जैसे मैं जाने कब से 2019 का ही इंतज़ार कर रही थी।

अब मैं भरे दिल से तुम्हें छोड़ आई हूँ, बस दुआ करो शुरू हुआ ये वर्ष भी जीवन में शांति, उन्नति और प्रेम बनाए रखे।

तुम्हारी मीठी यादें लिए,

तुम्हारी आभारी

सुषमा तिवारी

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