SHIVANKIT TIWARI "Shiva"
08 Dec, 2020
"पुरुष"
"पुरुष" यानी देह-रूपी पुर में शयन करने वाली अलौकिक आत्मा !
पुरुष धर्म,ध्येय, धारणा और ध्यान रूपी ध्वनियों का आंतरिक आवेग होता है!
वास्तविक पुरुषत्व प्रेम से उत्पन्न ,प्रेम द्वारा प्राप्त और प्रेम में ही अंतर्निहित होता है!
पुरुष को यहां सिर्फ पैसों से भरा बटुआ समझा जाता है जबकि पुरुष प्रेम का पर्याय भी है और प्रेम की वास्तविक परिभाषा भी..पुरुष प्रेम का भूखा होता है..पैसों का नहीं!
इसलिए पुरुष प्रेम का हकदार,प्रतीक और प्रेम की समूची परिभाषा है..
कुंठा,उदासीनता और अनैतिकता की नहीं..!
हमारे शब्दों में पुरुष यानी प्रेम !
- © शिवांकित तिवारी "शिवा"
Paperwiff
by Shivankittiwariofficial
08 Dec, 2020
For Men's Special..❤️
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