हमारे समाज में फैली पुरानी मान्यताओं व कुरीतियों के चलते हुए बेटियों को आज भी हीन दृष्टि से देखा जाता है जो कि बेटियों के लिये हित में सबसे बड़ा अपराध है आज भी लोगों को बेटियों का असली महत्व नहीं पता आज भी लोग इस वास्तविकता से अनजान हैं और पुरानी मान्यताओं के वहम में बेटियों को बराबर का हक नहीं दे पाते हैं जो की बिल्कुल गलत है. आज बेटियाँ वैश्विक स्तर पे वो सारे कार्य कर रही है जिसे आज भारत के बेटे नही कर पा रहे है, हमारी बेटियाँ आज देश-भर को गौरवान्वित कर रही है,अपने सराहनीय कामों से भारत भूमि को नई पहचान, नया स्वरूप दे रही हैं
आज अगर हमें भारतीय परम्पराओं, भारतीय संस्कृति, सभ्यता और भारत देश को बचाना है तो हमें भारत देश की बेटियों को बचाना होगा, उन्हें गर्भ में ही सुरक्षित रखना होगा,उन्हें बाह्य दानव रूपी दरिन्दों से बचाना होगा, उनके महत्व को समाज को, देश को बताना होगा।
रोज निर्दयता और निर्ममता से बलात्कार जैसी घटनाओं को सरेआम अंजाम दे दिया जाता है जो कि समाज को गर्त मे पहुँचा रहा है और बेटियों को असुरक्षित महसूस करा रहा है। समाज रूपी आईने से अगर देखा जाये तो आज देश का सबसे बड़ा मुद्दा ‘बेटियाँ’ है। इस समाज ने आज भी उन पर कई बन्दिशे लगा रखी है आज भी उनको उनके वास्तविक अधिकार से वंचित किया जाता है आज भी समाज में उनके पैदा होने तक में सवाल उठाये जाते है, आज भी उनसे उनकी असली आजादी और उड़ान छीन ली जाती है।
आज वर्तमान स्थिति या आधुनिकता में जहाँ बेटियाँ अपने वीरता और शौर्य के परचम लहरा रही है भारत देश ही नही बल्कि विदेशों तक में अपनी प्रचंड नारी शक्ति का लोहा मनवा रही हैं।
आज भारत देश की बेटियाँ हर क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बना रही है चाहे वह खेल जगत, शिक्षा जगत, सिनेमा जगत, आदि हो। आज हमारे देश की बेटियाँ अपनी सैन्य शक्तियों का भी अद्भुत प्रदर्शन कर रही है और देश के सर्वोच्च सैन्य पदों पर कार्यरत होकर देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी का निर्वाहन बड़ी कुशलता के साथ कर रही है साथ ही साथ न्यायालयीन और प्रशासनिक सेवाओं का भी बड़े तल्लीनता से संचालन कर रही है। आज बेटियाँ वो सारे कार्य बखूबी कर रही है जिसको करने के काबिल तक पहले उन्हें नही माना जाता था।
आज की बेटियाँ बेटों के मुकाबले हर क्षेत्रों में बराबर गति से चल रही है और आज देश में बेटियों का अद्भुत वर्चस्व कायम है और यह देश अगर फिर से विश्वगुरु की कतार में शामिल होगा तो हमें बेटियों को निश्चित रूप से बचाना होगा और समाज में फैली पुरानी मान्यताओं को खत्म कर उन्हें फिर से ससम्मान के साथ सुरक्षित रूप से समाज में एक विशेष स्थान देना होगा ताकि आने वाले समय देश की बेटियाँ अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ अपनी बात रख सके और नये प्रगति पथ पर अग्रसर रहे और देश की नारी शक्तियों को सर्वत्र बता सके।
साथ ही साथ भ्रूण हत्या को बन्द कर इसपे कानून व्यवस्था को मजबूती प्रदान करना होगा,बलत्कार जैसे घिनौने कृत्य के लिये हवसी दरिन्दों को कानून द्वारा सीधे सजा-ए-मौत का ऐलान किया जायेगा तब जाके कही हमारी बेटियाँ सुरक्षित हो सकेगी और भारत देश की संस्कृति और सभ्यता रूपी बगिया फिर से खिल उठेगी।
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