Psychology Article-8

सुनीता की मेहनत।

Originally published in hi
Reactions 0
963
Savita vishal patel
Savita vishal patel 13 May, 2020 | 1 min read

सुनीता औऱ उसकी फ्रेंड्स जैसे ही घर आये पार्टी करने कर लिए उसकी माँ ने हमेशा की तरह साफ-सफाई करना शुरू कर दिया।यह अब उनकी आदत बन चुकी थी।एक बार सफाई पूरी हो जाने के बाद वह हर 5 मिनिट बाद फिर से सफाई करने लग जाती है।उस दिन भी ऐसा ही हुआ उसने अपनी माँ से पहले ही बोल दिया था मेरी फ्रेंड्स घर आएगी उसकी सामने सफाई मत करने लग जाना मम्मी अच्छा नही लगता।अभी कर लो सारी सफाई।वह दीवार औऱ फर्स को रगड़-रगड़ कर साफ करने लगी।सुनीता की मम्मी ने कम से कम 10 से 12 बार सफाई की प्रकिया दुहराई
थी घर साफ होते हुए भी।मना करने पर सुनीता की माँ ने सब के सामने ही डाट दिया।सुनीता रोने लगी।उसे कुछ समझ नही आया कि क्या करे।आखिर कार उसने मन ही मन ठान ली कि उसे क्या करना है।
अगले दिन वह अपनी मम्मी को ले कर डॉक्टर के पास गई वह जा कर सुनीता को पता चला कि उसकी माँ को एक मानसिक बीमारी है।यह जानने के बाद सुनीता को बहुत दुख हुआ।डॉक्टर ने कहा तुम चिंता मत करो जैसा मैं कह रहा हूं बस वैसा-वैसा करना।सुनीता तैयार थी उसको अपनी माँ को ठीक जो करना था।
तुम्हरी माँ को मनोग्रस्ति बाध्यता विकृति है जिसे Obsessive Compulsive Disorder या OCD कहते है।
आजकल उपचार के आधुनिक तरीकों से अधिकतर मरीजों को काफी राहत मिलती है। इलाज को ठीक होने में पता चलने के 8 सप्ताह या उससे अधिक भी लग सकता है।चिकित्सक के परामर्शानुसार इलाज करते रहने से अधिकतर मरीजों को फायदा महसूस होता है।इस विकार के उपचार में जितना दवाओं का महत्व है उतना ही महत्व मनोवैज्ञानिक पद्धति से इलाज का भी होता है।
कुछ दवाईयो से और लगातार साइकेट्री के परामर्श से आज सुनीता की माँ बिलकुल ठीक है।

तो चलिए हम मनोग्रस्ति बाध्यता विकृति  (Obsessive Compulsive Disorder) के विषय मे ओर महत्वपूर्ण जानकारी ले।

मनोग्रस्ति बाध्यता विकृति-
मनोग्रसित-बाध्यता विकार (Obsessive–compulsive disorder /OCD) एक तरह का चिन्ता विकार है। इस विकार से ग्रसित व्यक्ति एक ही चीज की बार-बार जाँच करता है, कुछ विशेष कामों को बार-बार करता है (जैसे बार-बार हाथ धोना), या कुछ विचार उसके मन में बार-बार आते हैं।
किसी एक ही चीज या कुछ चीजों की बार-बार जाँच करना, कुछ काम बार-बार करना,बार-बार सफाई करता  आदि।

इसके प्रमुख लक्षण हैं-

*अत्यधिक धोना या साफ सफाई करना।
*बार-बार किसी चीज को जाँचना।
*अत्यधिक वस्तुएँ जमा करना (hoarding)।
*मजहबी विचारों में डूबे रहना, आदि।

सविता कुशवाहा

0 likes

Published By

Savita vishal patel

Savitavishalpatel

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.