Psychology article-3

Anxiety Disorder with short story (चिंता विकृति) लघुकथा

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Savita vishal patel
Savita vishal patel 08 May, 2020 | 1 min read

मेरा आज मानशिक अस्पताल में पहला दिन है।मुझे 10 बजे पहुचना है।थोड़ी देर बाद जब में पहुँची तो मेरे सामने ही प्रेम को निजि अस्पताल से मानशिक अस्पताल लाया गया।प्रेम 24 वर्ष का है।वह बहुत ही घबराया हुआ था।उसे पसीना आ रहा था। मुझसे कहा गया कि इसे तुम्हे देखना है इसके बारे में जानकारी लो और फ़ाइल बना कर दो जल्दी से जल्दी।मैं बहुत घबराई हुई थी।मैंने जब उससे बात करने की कोशिश की तो वह
बहुत ही दुखी था।बार-बार पानी पी रहा था फिर भी उसकी प्यास नही बुझ रही थी।करीबन 1 घण्टे की बातचीत से बता चला कि उसे नीद नही आती और अनेको प्रकार की चिंता लगी रहती है।कभी - कभी चक्कर भी आते है।उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि वह खुद से ही परेशान हो चुका है।
मेने फ़ाइल में उसकी हिस्ट्री पड़ी क्योकि वो कुछ भी बताने की हालत में नही था।
दो वर्ष पहले-
प्रेम की माँ सुबह उठते हुए बोली उठ प्रेम आज इस इंटरव्यू है ना ये जॉब हमारे परिवार के लिए बहुत जरूरी है और तू यहाँ आराम से सो रहा है चल उठ जल्दी।
शाम को जब प्रेम घर आता है तब साथ मिठाई भी लाया और खुशी से माँ के चारो तरफ घूमते हुए माँ......माँ..... माआआआआआ ओ माँ .........मुझे जॉब मिल गई ।
अब तू देखना में घर का सारा उधार चुका दूँगा ओर बाबा का सपना भी जरूर पूरा होगा।
सब कुछ ठीक चल रहा था।
कुछ दिनों बाद अचानक प्रेम के पास कॉल आता है कि जिस कंपनी में आप काम करते है वह कंपनी रातो-रात बन्द कर दी गई है।धोखा-धड़ी के केस में।किसी को कुछ नही पता कंपनी औऱ उसके लोग अचानक कहा चले गए।
तब से उसे यही चिंता खाई जा रही है कि अब क्या होगा? बाबा का लोन कैसे चुकेगा?
दिन-रात यही सोच-सोच कर आज वो  चिंता विकृति(Anxiety Disorder) का शिकार हो गया।

तो चलिए चिंता विकृति के बारे में कुछ और जानकारी ले-
चिंता विकृति-
चिंता विकृति से ग्रस्त व्यक्ति हमेसा तनाव में रहता है,चिंता और अशांति की दुनियां में रहता है।किसी भी व्यक्ति की ज़िंदगी  कम से कम गत छह माह ऐसे बीते हो जिसमें अधिकतर अवधि में उसे अत्यधिक चिंता बनी रही हो तो उसे चिंता विकृति होने की संभावना होती है।

अगर आप लोगो को मेरा आज का आर्टिकल अच्छा लगा तो कमेन्ट में जरूर बताएं।


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