औऱ का मागु ऊपर वाले से।

शादी के बाद जब दुल्हन को अपने मायके जैसा परिवार मिल जाता है।

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Savita vishal patel
Savita vishal patel 09 Jul, 2020 | 1 min read
Poeam Bundelkhandi

और का मागु ऊपर वाले से

सबफ़ कछु तो मिल गओ मोये।


दो साल से जिसे वियाओ करने हतो

उसे हमाओ वियाओ हो गयो।


और का मागु ऊपर वाले से

सब कछु तो मिल गओ मोये।


जब अम्मा की याद आई और रात को नीद न आई

तबे सासूमाँ ने गोदी में सुलाओ मोये।


और का मागु ऊपर वाले से

सब कछु तो मिल गओ मोये।


जब पापा की याद आई और भूख न लगी मोये

जब ससुर जी ने अपने हाथन से खाना खिलाया मोये।


और का मागु ऊपर वाले से

सब कछु तो मिल गओ मोये।


जब काम करबो न बनो मोये तो

सब ने मिलकर पुरो काम सिखाया मोये।


और का मागु ऊपर वाले से

सब कछु तो मिल गओ मोये।


जब आओ जरा सो बुखार मोये तब

पूरे परिवार बालन ने हथेली में रखो मोये


और का मागु ऊपर वाले से

सब कछु तो मिल गओ मोये।


दो साल से जिसे वियाओ करने हतो

उसे हमाओ वियाओ हो गयो।


और का मागु ऊपर वाले से

सब कछु तो मिल गओ मोये।


जब अम्मा की याद आई और रात को नीद न आई

तबे सासूमाँ ने गोदी में सुलाया।


और का मागु ऊपर वाले से

सब कछु तो मिल गओ मोये।


जब पापा की याद आई और भूख न लगी मोये

जब ससुर जी ने अपने हाथन से खाना खिलाया।


और का मागु ऊपर वाले से

सब कछु तो मिल गओ मोये।


जब काम करबो न बनो मोये तो

सब ने मिलकर पुरो काम सिखाया।


और का मागु ऊपर वाले से

सब कछु तो मिल गओ मोये।


Savita kushwaha

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