मोरे पापा मोरे सुपर हीरो।

बुंदेलखंडी कविता । मोरे पापा मोरे सुपर हीरो

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Savita vishal patel
Savita vishal patel 24 Jun, 2020 | 1 min read
Kavita Super hero Father Father's day

आज फिर कई मोये उ हाथ ध्यान आ गओ

जीने मोये चलना शिखाओं थो।


आज फिर कई मोये उ मुस्कान ध्यान आ गई

जब मेरे पहली बार तरकारी बनाई थी।


आज फिर मोये उ दिन ध्यान आ गओ

जब बाई मोये डाटे करत टी ओर तुम मोये बचात थे।


आज फिर कई मोये उ पल ध्यान आ गओ

जब तुम कदा पर बिठा कर घुमात ते।


आज फिर कई मोये उ लाड़-दुदाल ध्यान आ गओ

जब हमाये पापा किया करते थे।


आज फिर हमें उ मयूश चहरा ध्यान आ गओ

जब हमारी बिदा हुई थी।


आज फिर मोये उ कठिन संघर्ष ध्यान आ गओ

जो बस हमाये पापा ही कर सकत है।


बस जाहि कहना चाहत है हम पूरी दुनिया से

तुमई ही मेरा संम्मान हो,तुमई मेरा अभिमान हो

तुमई हमाई असली पहचान हो।

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Savita vishal patel

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