मेक इन इंडिया से हुईए देश को विकास।

मेक इन इंडिया से हुईए देश को विकास।

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Savita vishal patel
Savita vishal patel 20 Aug, 2020 | 1 min read
Bundelkhandi

आज पवन बड़े दिनन बाद लखन के घर के अगारु से निकर रओ तो तबहु उये लखन दौरे में बैठो दिख गओ।

 "का बात है लखन काय मुह लटकाए बैठो है? का सोच रओ है?" पवन ने कई


"अरे का बताए पवन भैया अखबार पड़ रये ते न जाने रोज़ एकही चीज काय छाप देते है जे अखबार वाले।"


"एसो का छपो अखबार में" पवन ने कई


"अरे मेक इन इंडिया औऱ मेड इन इंडिया रोज रोज एकही बात। मोये तो कछु समझ नाइ आउत है अब हम ठहरे 10वी पास।" लखन ने उदास होके कई


तबई जोर से बारिश होन लगी और पवन भी लखन के भीतर आ गओ। 

"चल मैं तोये समझा देत हो पर पेला भौजी से काओ के गर्म गर्म चाय पेबा दे"


"अरे पवन भज्जा जा भी कछु केबे वाली बात है भला" और लखन ने भीतर आवाज लगा के चाय बनाबे खा कह दओ


मेक इन इंडिया और मेड इन इंडिया खा समझबो इत्तो भी मुश्किल नइया जित्तो लोग इखा बना रये। जैसो नाम से ही सब कछू समझ आ रओ है कि जब भारत मे चीजे बनेगी तभी भारत बनेगा।


"का मतलब"


"हमाये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हमाये देश के विकास औऱ लाभ के लाने जा योजना बनाई है। इको मतलब है कि जब कोई भी वस्तु हमाये देश में बने और हमाये देश के लोग ही उये खरीदे तबही हमाये देश को विकास जल्दी और आसानी से हुए। चीजे बनत हमाये देश मे है और बिकत दूसरे देश में। अगर वस्तुएं हमाये देश मे बनके हमाये देश मे ही बिक है तो वस्तुओं की किमत भी कम ही हुईए जिसे आम जनता तक भी चीजे कम दाम में आसानी से मिल सक है। कये से जब कोनऊ वस्तु बाहर से मंगाई जात है तो उमें टैक्स भी जुड़ जात है ई कारण बा वस्तु माँगी हो जात है और यदि हमाओ देश मेड इन इंडिया खा अपना है तो रोजगार भी ज्यादा मिले, देश को विकास भी हुईए, चीजे कम दाम में मिलबे से हर आदमी तक उकी पहुँच हुए" पवन ने समझा के कई


अरे वाह पवन भैया तब तक भोजी चाय ले कर आ गई। 


पवन ने आगे कई और भी मोलक्क से फायदे है भाई ई योजना से। अगर हम मेक इन इंडिया खा अपनाउत है तो देश मे नए नए उद्योगों को भी निर्माण हुईए और अगर उद्योग हमाये शहर में ही लगन लग है तो मजदूरन खा भी अब गांव छोड़ कर शहर की और न भागने पड़ है मजदूर अपने गांव में रह कर ही काम कर सके। उद्योगों की स्थापना से ग्रामीण स्थानो को भी विकास में मदद मिल है। उत्पादन खा बनाबे के लाने देश की प्रतिभा और संसाधनों को उपयोग हुइये जो भारत के आर्थिक विकास खो बढ़ावा दे है।


"बहुत बढ़िया पवन भाईया। अब तो हमें अच्छे से समझ आ गओ इको मतलब तबही अखबार में रोज मेक इन इंडिया और मेड इन इंडिया की खबरे छपत है ताकि देश वासी इसे होबे वाले फायदे से जागरूक बन सके।" लखन ने धन्यवाद देके कई

 

"चलो अब में चलता हूं लखन भैया बारिश भी कम हो गई है। वरना तुमाई भौजी घर में नाराज हुईए" 


"धन्यवाद पवन भाई तुमने आज हम जो सब कछु समझ दओ।" लखन ने कई


"अरे कोई बात नही लखन भाई फिर मिलते है" कहकर पवन चलो गयो।

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