तुम से न मिलते तो आछो हतो
कम से कम तुम्हें खोने को डर तो न रातो।
सफर हमाओ अकेलो हतो
तो पर सच्चो हतो।
तुमाए सनग्गे न मुस्कुराते तो आछो हतो
तुम्हरे जाने के बाद रोना तो न पडतो।
सपने पूरे न भये इको कोऊ गम नही आ
सपने देखे ही कये इको गम है।
कये करि हमसे शादी
कए बनाई हमे अपनी लुगाई।
कये करो उ सात जन्म साथ रहने का वादा
जब 7 दिन भी साथ न चल सकते तुम।
बंद कर दओ है झूठी हँसी मुकुराना
शुरू कर दओ पेट मे पल से नन्ही सी जान के लाने जीना ।
फिर भी गर्व है मोये की
तुमारी नाम की विधवा हु मैं।
भले ही दूसरन के घर कर बर्तन माजवी
लेकिन हमाई आखिरी इशानी को पुरो ध्यान रखवी।
तुमई निशानी खा भी पढा-लिखा कर फौजी बनाबी
तुमाए ओर हमाये अधूरे सपने गर्व से पूरे करवा वी।
सविता कुशवाहा
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Very nice
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