बात उस समय की है जब मेने B.COMकी परीक्षा का आखिरी पेपर था।मै जैसे ही घर आई तो मैने देखा मेरा भाई कही जाने की तैयारी कर रहा है।मेने ध्यान से देखा तो उसके कपड़ो के बीच मे कुछ मेरे भी कपड़े थे।मेरे पूछ ही लिया भैया कहाँ जा रहे हो तो उसने कहा कि तुम भी चल रही हो मेरे साथ।मुझे कुछ समझ नही आ रहा था।मेने कहा कि हम जा कहा रहे है तो उसने कहा कि गाँव छतरपुर से फ़ोन आया है हम दोनों को अचानक बुलाया है।मुझे समझ नही आ रहा था कि हम क्यो जा रहे है पापा मम्मी क्यो नही जा रहे।शाम को हम घर से निकल गए मेने ट्रैन में भाई ने मुझसे कहा कि तुझे लड़के वाले देखने आ रहे है।बस यही सुनते ही में सोचने लगी कि अभी तो मुझे अपनी पढ़ाई पूरी करनी है,मेरे सपनों का क्या होगा,मुझे अभी शादी नही करनी,अब तो घर से निकल भी गए।यही सारे सवाल मेरे दिमाक के चक्कर लगा रहे थे,डर भी लग रहा था क्योंकि पहली बार कोई लड़का मुझे देखने आने वाला था।फिर मेने खुद को समझाया कि लड़का से मिलती हु पहले फिर सोचूंगी इस बारे में।
अगले दिन घर मे (गांव वाले घर मे) बहुत चहल-पहल थी।मैं भी तैयार थी।इतने में गाड़ियो की आवाज़ आई शायद वो लोग आ गए।कम से कम 15 या 20 जवान लड़के होंगे कोई भी बुजुर्ग नही था।मेने सोचा समय बदल गया है आज के समय मे बुजुर्ग लोगो का क्या काम वैसे भी अभी तो सिर्फ देखने आए है पक्का थोड़ी करेगे।
कुछ समय बाद में उन लोगो से घिरीं हई थी चारो तरफ से सामान्य ज्ञान (GK) के प्रशनो की बौछार हो रही थी मुझसे तो ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरा कोई इंटरव्यू चल रहा हो।में उनके प्रश्नों के उत्तर देती जा रही थी।मुझसे बहुत डर लग रहा था समझ नही आ रहा था कि हो क्या रहा है एक बार हिम्मत करके ऊपर देखा इतने सारे लड़को में से मुझसे समझ नही आ रहा था कि वह को से लड़का है जिससे मेरी शादी होने वाली है।
मेने बाहर आ कर अपनी दीदी से कहा मुझे लड़के से अकेले में मिलना।
कुछ देर बाद दीदी आई और बोली कि लड़का तो आया ही नही है।जो लड़के आये हौ वह उसी की परिवार के है ओर कुछ उसके दोस्त है।उसमें से एक लड़के ने कहा भैया ऐसे ही किसी भी लड़की से नही मिलते।पहले हम लोग मिलते है अगर हमे लड़की अच्छी लगती है तभी हम भैया को बुलाते है।
तो अभी तक इनके भैया कहा होंगे? क्या वो अभी तक आये ही नही ? या घर से ही नही निकले ?,में सोचने लगी???
तभी दरवाजे की घंटी बजी वो लड़का आ गया है शायद उसके दोस्तों ने जो पहले से ही बैठे है उन लोगो ने फ़ोन लगा दिया होगा।पर ये क्या वो तो पूरे पसीनें में डूबे हुए है,पिछले एक घंटे से पीछे वाली गली में जो खड़े थे ओर फ़ोन का इंतज़ार कर रहे थे।ये सब सुन कर मुझे बहुत हँसी आ रही थी ओर अंदर ही अंदर बुरा भी लग रहा था।ऐसी सोच तो मैने कभी किसी की नही देखी।
कुछ देर बाद वो लड़का (जिससे शादी की बात चल रही थी)ओर में कमरे में मेरे आमने सामने था।उसने खुद से ही बता दिया कि मैं पुलिश अधिकारी हु।तुम किस क्लास में पढ़ती हो ? मेने कहा अभी B.Com की परीक्षा दी है।तो उसने कहा कि तुम्हे मेडिकल फ़िलिड में जाना था।मेने कहा में शादी के बाद आगे की पढ़ाई पूरी करके जॉब करना चाहती हु।उसने साफ मना कर दिया कि अगर घर की बहुये जॉब करेगी तो घर का काम को करेगा,हमारे घर बहुओ तेज़ बोलने ,तेज़ हँसने,ओर बाहर घूमने फिरने की बिकुल नही आजादी देते है।
मेने मन मे ही सोचा कि इसे medical की पढ़ाई करी हुई लड़की क्यो चाहिए घर का काम करवाने के लिए क्योकि जॉब तो ये करने देगा नही।मन से ख्याल आया कि इससे पूछ लू फिर सोचा जाने दो इसका घमंड में तोड़ के रहूगी। मेने मन मे तो सोच ही लिया था कि मुझे क्या करना है।
भोपाल आ कर मेने उसे ये बोल कर मना कर दिया कि में शहर की लड़की हु ओर तुम गांव में रहने वाले।में तुम्हरे साथ नही रह पाऊँगी।
जबकि मुझे शहर और गाँव से कोई मतलब नही है पर में इतनी बंदिशो में कैद हो कर नही रहना चाहती थी।
आज मेरी शादी को 3 महीने हो गए है मेरे पति ने घर मे बात करके शादी से पहले से मेरी पूरी पढ़ाई करवा दी।उसके बाद शादी की मै अपने ससुराल में टीचर की जॉब कर रही हु।
यह मुझे तेज़ बोलने,हँसने ओर घूमने फिरने की पूरी आजादी है।
समाज से पढ़े लिखे होने के बाद भी ऐसे बहुत सारे लोग है जो संस्कार के नाम पर बहुओ को कैद करके रखते है और पूरी आजादी छीन लेते है।
अगर आपको मेरा आर्टिकर अच्छा लगे तो कमेन्ट में बताना।
सविता कुशवाहा
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Nice.
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