पवन दूल्हे के जैसे तैयार हो कर ज़मीन पर बैठ कर जोर-जोर से रो रोओ थो।ऊ कोई अनजान घरे हतो मेहमानन की भीड़ हति और एक लाश रखखि थी।
2 घंटे पहले- पवन दूल्हे तैयार हो रहो थो ओर रूही भी तैयार होने लगन थी।पवन और रूही दो साल से एक दूसरन को जानत है और शादी करना चाहत है पर रुही है घर बालन को जो सब मंजूर न हतो।एक बार रुही के बापू में पवन और रुही को एक साथ देख लाओ हतो और गुस्से में आ कर रूही को उसकी फुआ के घरे भेज दो थो। फुआ को रुही पर दया आ गई हति तो फुआ पर फूफा ने सोचो कि दोनों का वियाह करवा दे रुही के घर वालो तो पता भी नही चला और फुआ और फूफा दोनो पवन के घरे गये औऱ पवन को रोका कर दओ।पवन के घर बालन ने भी रुही की ओली भरने में तनिक भी देरी नही की।सब कछु बहुत बढ़िया चल रहा था आखिर कार उ दिन भी आ गओ जिदना पवन की बारात लगने हती।सब बारात की तैयारी में लगे थे और रुही ओर पवन की खुशी का तो कोनऊ ठिकाना ही न था उन दोनन को सपना जो पूरे होंन जा रहो थो।पवन पुरो तैयार हतो बारात निकलन ही चा रई थी कि अचानक पवन की फ़ोन की घण्टी भी उसने कोनऊ से कछु नही कई और पवन फ़ोन फेक कर नग्गे पेर भागन लगो पर ऊकि आखन में आँसु हथे।।।
थोड़ी देर बाद वो रुही के घरे हतो रुही जमीन पर मरी डली हति।उये कछु समझ नही आओ पलक झपकते ही उको सपना बर्बाद हो गओ थो।
सब कोउ बाते कर रहे थे कि शादी के बारे में रुही के घर बालन को पता चल गओ थो ओर रुही के भैया और काका ने आ कर रुही खा मार डालो।बहुत बुरा हुआ बिचारी के साथ।।
तभी रुही के फूफा पवन के पास आ उये और पवन को समझाने के लाने उसके पास आ कर बैठ गए पवन कछु बोल नही रोओ थो बस रुही खा देख रहो थो पवन कुछ बोलत भी कैसे ऊके शरीर मे अब प्राण नही बचे हते।
सविता कुशवाहा
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Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Very emotional
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