मायके में मिलने वाले सुख जब ससुराल में नही मिलते तब एक बेटी अपने पापा को इस तरह से याद करती है।
महलो का राजा मिला
फिर भी आपकी याद आती है पापा।
सुबह नो बजे तक सोने वाली आपकी लाल दुलारी को जब सुबह पांच बजे उठना पड़ता है
तब आपकी याद आती है पापा।
घर मे भी चप्पल पहनने वाली लड़की को
जब पूरे घर मे नग्गे पैर घूमना पड़ा पैर में पड़े उन छालो को देख कर आपकी याद आती है पापा।
मायके में सबसे पहले खाने वाली लड़की को
जब सुसराल में सबसे बाद में खाना पड़ता है
तब आपकी याद आती है पापा।
चार लोगों का खाना बना कर ही थक जाने वाली
जब पंद्रह लोगो का खाना खुद अकेले बनाती है
तब आपकी याद आती है पापा।
रात भर जाग कर फोन चलाने वाली आँखे
जब दस बजे ही मिच जाती है
तब आपकी याद आती है पापा।
मैं हैरान रह जाती हूं कभी-कभी
जब बिना बताए ही आप सब कुछ समझ जाते हो
सब ठीक है,मैं ठीक हूं!जब ये झूठ बोलती हूं
तब आपकी याद आती है पापा।
महलो का राजा मिला
फिर भी आपकी याद आती है पापा।
सविता कुशवाहा
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत सुंदर
Thanks ji
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