जब एक 12 साल का बच्चा होस्टल में रहने आता है।माँ की याद को इस प्रकार व्यक्त करता है-
सब कुछ मिला इस दुनिया मे
पर माँ तेरे जैसा इंसान न मिला।
मिला मुलायम बिस्तर मुझको,
मिला मुलायम तकिया,
पर माँ तेरे आँचल सा आराम नही मिला।
सब कुछ मिला इस दुनिया मे,
पर माँ तेरे जैसा इंसान न मिला।
मिला स्वदिष्ट भोजन मुझको,
मिले कई तरह के व्यंजन,
पर माँ तेरे हाथ का वो पुलाव न मिला।
सब कुछ मिला इस दुनिया मे,
पर माँ तेरे जैसा इंसान न मिला।
मिला समय भी पूरा मुझको,
मिला है खेलना - कूदना,
पर माँ तेरा वो प्यार वाला गुस्सा न मिला।
सब कुछ मिला इस दुनिया मे,
पर माँ तेरे जैसा इंसान न मिला।
सविता कुशवाहा
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